भोपाल में भिक्षावृत्ति पर रोक, थाने में दर्ज होगी प्राथमिकी

भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आईएएनएस को बताया कि राजधानी में कोई भी भीख देगा या भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहित करेगा। दोनों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही कोलार में नगर निगम के आश्रय गृह को भिक्षुगृह बनाया गया है। सर्वे कराया जा रहा है और भिक्षुओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोई भी अपने बच्चों के जरिए गुब्बारे आदि का विक्रय नहीं करा सकता, ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी। राजधानी के दो-तीन ऐसे स्थान चिन्हित भी किए गए हैं, जहां भीख मांगने वाले सक्रिय रहते हैं।

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 3 फरवरी को एक आदेश जारी कर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए भोपाल जिले के समस्त राजस्व सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है।

भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया गया है, जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता है तो उसके विरुद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न अधिकांश लोग नशे और अन्य गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, जहां प्रमुख सड़क आदि पर सिग्नल होता है, वहां इन भीख मांगने वालों की वजह से दुर्घटना आदि की आशंका बनी रहती है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।

 

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