महाकुम्भ नगर, 03 फरवरी। वंसत पंचमी के पावन अवसर पर प्रयागराज में सेवा और सामाजिक समरसता की अनुपम मिसाल देखने को मिला। संगम तट पर समाज कल्याण विभाग द्वारा स्थापित पंडाल जरूरतमंदों के उत्थान का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन और एलिम्को के सहयोग से श्रवण कुंभ शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिससे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस विशेष पहल के तहत, सुनने में दिक्कत का सामना कर रहे लोगों की जांच की जा रही है और उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। शिविर में अब तक हजारों लोगों की जांच की जा चुकी है और बड़ी संख्या में लोग निरंतर इसका लाभ उठा रहे हैं।
श्रवण कुंभ में दिव्यांगों को मिल रहा है निशुल्क लाभ
योगी सरकार के निर्देश पर पहली बार महाकुम्भ में वृद्ध एवं श्रवण बाधित लोगों के लिए विशेष शिविर संचालित किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा किए जा रहे इस प्रयास से दिव्यांगों और बुजुर्गों को नि:शुल्क सुनने की जांच और उपकरणों की सुविधा दी जा रही है। महाकुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने की यह अनूठी पहल सेवा और समर्पण का प्रतीक बन गई है।
बुजुर्गों के लिए विशेष आश्रय स्थल, सैकड़ों ने लिया संगम स्नान का लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के वृद्धाश्रमों से आए वरिष्ठजनों के लिए कुम्भ क्षेत्र में 100 बेड क्षमता का विशेष आश्रम स्थापित किया गया है। यहां प्रदेशभर के वृद्धाश्रमों से लाए गए बुजुर्गों को ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे वे कुम्भ मेले में संगम स्नान और धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित हो सकें। अब तक मिर्जापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, भदोही, कौशांबी, हरदोई, सीतापुर और लखनऊ सहित कई जिलों से आए 500 से अधिक वरिष्ठजन कुम्भ में भागीदारी कर चुके हैं और पुण्यलाभ अर्जित कर चुके हैं। विभाग 26 फरवरी तक प्रदेश के वृद्धाश्रमों से कुल 2000 वृद्धजनों को अमृत स्नान कराने की तैयारी में है।
वंसत पंचमी पर महाकुम्भ में दिखा सामाजिक समरसता की झलक
वंसत पंचमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच महाकुम्भ में सेवा और सामाजिक सद्भाव की अनूठी झलक देखने को मिली। समाज कल्याण विभाग के शिविर में श्रद्धालु न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ रहे हैं, बल्कि सेवा कार्यों से भी लाभान्वित हो रहे हैं। वृद्धों और दिव्यांगों के लिए की गई विशेष व्यवस्थाएं सरकार की समाज के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से न केवल बुजुर्गों को सम्मान मिला है, बल्कि समाज में सेवा और समर्पण का एक नया संदेश भी प्रसारित हुआ है। महाकुम्भ 2025 केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने और सशक्त बनाने का माध्यम भी बन रहा है।