कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी शुक्रवार को सदन में बहुमत साबित करेंगे। राज्य में 10 दिन तक चली राजनीतिक अनिश्चितता के बाद माना जा रहा है कि किसी तरह की अप्रत्याशित घटना ना होने की सूरत में वह सदन में बहुमत साबित करने में कामयाब हो जाएंगे।
सदन में कांग्रेस के 78, जद(एस) के 36 और बसपा का एक विधायक है। इस गठबंधन को एक केपीजेपी विधायक और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। इससे पहले शपथ ग्रहण करने के बाद कुमारस्वामी ने विश्वास मत जीतने की उम्मीद जताई थी। उनका कहना था कि उन्हें इस बात की आशंका है कि भाजपा उनकी सरकार को अस्थिर करने के ‘ऑपरेशन कमल’ दोहराने का प्रयास कर सकती है।
इससे पहले 104 सीटों वाली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आमंत्रित किए जाने के बाद भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के शक्ति परीक्षण के आदेश के बाद विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। 224 सदस्यों वाली विधानसभा में 221 सीटों पर चुनाव हुए हैं।
कुमारस्वामी के पूरे पांच साल के कार्यकाल पर अभी चर्चा नहीं हुई: उप मुख्यमंत्री
विश्वास मत हासिल करने से एक दिन पहले कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन में अभी कुमारस्वामी के पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने पर चर्चा नहीं हुई है। एक सवाल के जवाब में परमेश्वरा ने कहा, ‘इन सब तौर-तरीकों पर अभी चर्चा नहीं हुई है।’
परमेश्वर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘हमें अभी यह भी निर्णय करना है कि उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलेगा और हमें कौन सा मंत्रालय मिलेगा। इसलिए पांच साल के कार्यकाल के बारे में… वे रहेंगे या हम रहेंगे… इन सब तौर तरीकों पर अभी चर्चा नहीं हुई है।’
कुमारस्वामी के पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर कांग्रेस की सहमति के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा हमारा मुख्य उद्देश्य सही प्रशासन देना है। मालूम हो कि शपथ ग्रहण से पहले कुमारस्वामी ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि दोनों दलों को बीच 30-30 महीने के सरकार चलाने पर सहमति बनी है।
भाजपा ने स्पीकर पद के लिए वरिष्ठ नेता एस सुरेश कुमार को मैदान में उतारा
राज्य में भले ही कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बन गई हो लेकिन गठबंधन को अपने विधायकों के टूटने का डर अभी भी सता रहा है। यही कारण है कि सदन में शक्ति परीक्षण के एक दिन पहले तक कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) के विधायक होटल में ही रखे गए।
वहीं, भाजपा ने शुक्रवार को होने विधानसभा में स्पीकर पद के चुनाव में उम्मीदवार के रूप में अपने वरिष्ठ नेता एस. सुरेश कुमार को मैदान में उतारा है। पांचवीं बार विधायक बने सुरेश कुमार ने बृहस्पतिवार को अपना नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस स्पीकर पद के लिए रमेश कुमार को उम्मीदवार बनाया है। चुनाव को परोक्ष रूप से कुमारस्वामी सरकार के शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है। वहीं राज्य में राजनीतिक उथलपुथल के बीच विधायक पिछले नौ दिनों से लग्जरी होटल और रिसोर्ट में रखे गए हैं।
खबर है कि इन विधायकों को फोन भी रखने की इजाजत नहीं है कि वे अपने परिवारवालों से संपर्क कर सकें। हालांकि दोनों दलों ने इस तरह के दावों का खंडन किया है। खबर है कि इन विधायकों ने एक दिन के लिए भी अपने घर जाने की अनुमति मांगी है लेकिन उनके आग्रह को ठुकरा दिया गया है। हालांकि कि कोई भी इस तरह के दावों की पुष्टि नहीं कर रहा है।