केंद्र सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एमएसएमई को आगे बढ़ने के लिए नई स्कीम को दी मंजूरी

वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह योजना उपकरण या मशीनरी की खरीद के लिए एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत पात्र एमएसएमई को स्वीकृत 100 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट सुविधा के लिए, सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज प्रदान करेगी।

योजना के अनुसार, उधार लेने वाली संस्था वैध उद्यम पंजीकरण संख्या के साथ एक एमएसएमई होना चाहिए और ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। उधार लेने वाली संस्था की परियोजना लागत योजना में तय राशि से भी अधिक हो सकती है और उपकरण या मशीनरी की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए।

स्कीम के अनुसार, योजना के तहत 50 करोड़ रुपये तक के ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 8 वर्ष तक होगी और मूल किस्तों पर 2 वर्ष तक का मोरेटोरियम पीरियड होगा। 50 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के लिए पुनर्भुगतान की अधिक अवधि और मूल किस्तों पर अधिक मोरेटोरियम पीरियड पर विचार किया जा सकता है।

मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशनल गाइडलाइन जारी होने से चार साल की अवधि तक या संचयी रूप से 7 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी होने, दोनों में से जो भी पहले हो, स्कीम जारी रहेगी। यह स्कीम एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत स्वीकृत सभी ऋणों पर लागू होगी।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर वर्तमान में देश की जीडीपी का 17 प्रतिशत है और इस सेक्टर में 2.7 करोड़ से अधिक लोग काम करते हैं।

मंत्रालय ने कहा, एमसीजीएस-एमएसएमई योजना से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और इससे मेक इन इंडिया को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

 

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