‘सरकारी संपत्तियों की जांच अब वक्फ ट्रिब्यूनल नहीं बल्कि कलेक्टर करेंगे’, इन बदलावों के साथ स्वीकारा गया विधेयक

संसद की संयुक्त समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक पर मुहर लगा दी है. हालांकि, विधेयक के मसौदे में 14 संशोधन किए गए हैं. आइये जानते हैं संशोधनों के बारे में.

भाजपा सांसद बृजलाल ने राय दी कि राज्य सरकार अधिसूचना के जरिए कलेक्टर के स्तर से ऊपर के किसी भी अधिकारी को जांच के लिए नामित कर सके, सांसद के इस राय को समिति ने स्वीकार कर लिया है. मामले में मुस्लिम संगठनों ने कलेक्टर को दिए जाने वाले अधिकार पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि कलेक्टर ही राजस्व अभिलेखों का प्रमुख होता है. कलेक्टर द्वारा की गई जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती क्योंकि वे अपने कार्यालय के दावे के आधार पर ही जांच करेंगे.

पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा व्यक्ति ही वक्फ घोषित कर सकता है

इसके अलावा, एक अहम संशोधन ये भी रहा कि अब सिर्फ वही व्यक्ति संपत्ति वक्फ कर पाएगा, जो कम से कम पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा होगा. साथ ही उस व्यक्ति को अब साबित भी करना होगा कि पांच साल से वह इस्लाम को मान रहा है.

वक्फ संशोधन विधेयक में जेपीसी द्वारा मंजूर किए गए अन्य संशोधन

  • वक्फ ट्रिब्यूनल में दो की जगह तीन सदस्य होंगे. तीसरे सदस्य इस्लामी विद्वान होंगे.
  • वक्फ संपत्ति सरकारी है या फिर नहीं, इसकी जांच वक्फ ट्रिब्यूनल नहीं बल्कि जिले का कलेक्टर करेगा. ध्यान दीजिएगा कि वक्फ संपत्ति का फैसला सिर्फ जिला कलेक्टर के हाथों में नहीं रहेगा क्योंकि सरकार कलेक्टर या उसके शीर्ष अधिकारी का चयन भी कर सकती है.
  • वक्फ बोर्ड काउंसिल में कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्य होने ही है. इसके अलावा, राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार भी एक अधिकारी तय करेगा, जो मुस्लिम या फिर गैर मुस्लिम दोनों हो सकता है.
  • इसके अलावा, किसी भी प्रकार के विवाद में उलझी संपत्ति वक्फ नहीं की जा सकती है.

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com