दोनों ही पक्षों की तरफ से दाखिल की गई याचिका में संजय रॉय को सजा-ए-मौत की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ एक तरफ जहां सीबीआई की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करेगी, वहीं दूसरी तरफ यही खंडपीठ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दाखिल की गई याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
अब यह पूरा मामला इस लिहाज से दिलचस्प हो चुका है कि एक तरफ जहां सीबीआई दोषी संजय रॉय के खिलाफ मृत्युदंड की मांग को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट का रुख कर चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के उस अधिकार का भी विरोध किया गया है, जिसके तहत यह याचिका दाखिल की गई है।
सीबीआई की तरफ से सवाल किया गया है कि आखिर किस आधार पर राज्य सरकार इस तरह की याचिका दाखिल कर सकती है।
जांच एजेंसी के वकील के मुताबिक, सिर्फ सीबीआई ही ऐसे मामलों में याचिका दाखिल कर सकती है। इसके अलावा, पीड़ित के माता-पिता हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
इस मामले की सुनवाई सोमवार सुबह 10:30 बजे होगी।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। इसके बाद कोलकाता पुलिस की तरफ से मामले की जांच की गई। इस मामले में संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, पुलिस ने इस मामले की जांच सिर्फ पांच दिन की। इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता विशेष अदालत के आदेश को सीबीआई के लिए विफलता बताया। उनका कहना था कि अगर इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस करती, तो मामले के दोषी रॉय को कब की मौत की सजा सुना दी गई होती।