केजरीवाल के चहेते क्या चौथी बार ग्रेटर कैलाश से दर्ज करेंगे जीत, जानें सौरभ भारद्वाज का सियासी सफर

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ग्रेटर कैलाश सीट से मंत्री सौरभ भारद्वाज चौथी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सौरभ भारद्वाज आम आदमी पार्टी के प्रमुख और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। भारद्वाज की पहचान एक राजनीतिक नेता के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक सशक्त मंत्री और अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी के रूप में है।

सौरभ भारद्वाज का जन्म 12 दिसंबर 1979 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही प्राप्त की। इसके बाद गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से 2003 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 2011 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक की डिग्री भी पूरी की। सौरभ ने अपने करियर की शुरुआत जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया और इन्वेंसिस जैसी कंपनियों में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में की थी। उनकी विशेषज्ञता माइक्रोचिप और कोडिंग के क्षेत्र में थी।

भारद्वाज का राजनीतिक करियर साल 2011 में जन लोकपाल आंदोलन के दौरान उस वक्त शुरू हुआ, जब उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और केजरीवाल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया। आम आदमी पार्टी के गठन के समय से ही वह अरविंद केजरीवाल के साथ रहे, यही वजह है कि साल 2013 में सौरभ भारद्वाज को पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ग्रेटर कैलाश सीट से टिकट दिया और वह जीत दर्ज करने में सफल रहे।

सौरभ भारद्वाज अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 49-दिवसीय सरकार का हिस्सा बने, जहां उन्हें कई महत्वपूर्ण मंत्रालय जैसे खाद्य एवं आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण, और सामान्य प्रशासन जैसे विभागों की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें ग्रेटर कैलाश से उम्मीदवार बनाया और वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। भारद्वाज को दिल्ली जल बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था, हालांकि बाद में यह पद आतिशी को दे दिया गया था।

वह चुनाव आयोग द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम मशीन को हैक करने का दावा करने के लिए भी चर्चा में आए थे, हालांकि चुनाव आयोग ने बाद में इसे खारिज कर दिया। भारद्वाज पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर विपक्षी दलों के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा की कई समितियों में वह शामिल रहे और हर मुद्दे पर उन्होंने बुलंद आवाज के साथ पार्टी का पक्ष रखा। साल 2023 में जब पार्टी के कई नेता जेल गए, तब भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। शराब नीति विवाद के दौरान अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने मिलकर सरकार और पार्टी को संभाला था।

सौरभ भारद्वाज एक बार फिर ग्रेटर कैलाश से चुनावी मैदान में हैं, जहां वह एक बार फिर अपने समर्थकों से भारी समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ग्रेटर कैलाश की जनता इस बार उन्हें कितना समर्थन देती है।

 

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