जम्मू-कश्मीर: रियासी में जियारत बाजी मियां इस्माइल की दरगाह पर उर्स का आगाज, लोगों की सलामती के लिए मांगी गई दुआ

जम्मू-कश्मीर के एक बुधल गांव में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमयी बीमारी से मौत हो चुकी है। दरगाह आ रहे जायरीन बुधल गांव के लोगों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं।

एक खादिम ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि हर साल की तरह इस साल भी यहां पर उर्स शुरू हुआ है। इस बार 55वां उर्स हो रहा है, इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। उर्स में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत हर मजहब के लोग आएंगे। सभी के लिए रहने, खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। बुधल गांव में रहस्यमयी बीमारी से जिन लोगों की जान चली गई है, हम उनकी मगफिरत के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं। हम दुआ कर रहे हैं कि अल्लाह सभी पर करम फरमाए।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बुधल गांव में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमयी बीमारी से मौतों की चल रही जांच के बीच, अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्र में एक झरने को सील कर दिया गया है। झरने (बावली) से लिए गए पानी में कुछ कीटनाशकों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

अतिरिक्त उपायुक्त (कोटरांका उपखंड) दिल मीर ने बीते सोमवार को एक आदेश में कहा था, बुधल गांव के झरने (बावली) से लिए गए पानी के नमूनों में कुछ कीटनाशकों की पुष्टि हुई है। बावली को पीएचई (जल शक्ति) डिवीजन राजौरी ने अवरुद्ध कर दिया है और संबंधित मजिस्ट्रेट ने सील कर दिया है। ऐसी आशंका है कि गांव की आदिवासी आबादी चोरी-छिपे इस झरने के बहते पानी को इकट्ठा कर सकती है। इसलिए तहसीलदार खवास यह सुनिश्चित करें कि कोई भी ग्रामीण किसी भी हालत में इस बावड़ी के पानी का उपयोग न करे। बावड़ी की घेराबंदी कर दी गई।

दिल मीर ने राजौरी जिले के बुधल गांव की घेराबंदी करने और वहां 24 घंटे 2 से 3 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है, ताकि बावली के पानी का उपयोग पूरी तरह से रोका जा सके।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए गृह मंत्रालय की अगुवाई में एक अंतर-मंत्रालयी टीम के गठन का आदेश दिया था। ये टीम रहस्यमयी बीमारी से मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।

 

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