आरजी कर मामला: जूनियर डॉक्टरों आंदोलन में शामिल चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी

कोलकाता। सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर के साथ 2024 में हुए दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक असफाकउल्लाह नैया को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

असफाकउल्लाह नैया को जारी की गई कारण बताओ नोटिस की कॉपी आईएएनएस के पास उपलब्ध है। नैया के खिलाफ यह नोटिस एक शिकायत के आधार पर जारी की गई है, जिसमें कहा गया कि वह राज्य में एक निजी चिकित्सा सेवा प्रदाता के यहां ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं, जबकि उनके पास इसके लिए आवश्यक योग्यता नहीं है।

कारण बताओ नोटिस में राज्य चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार मानस चक्रवर्ती ने बताया है कि चूंकि नैया की वर्तमान योग्यता एमबीबीएस की मूल डिग्री है और वह ईएनटी विशेषज्ञ में विशेषज्ञता के साथ स्नातकोत्तर कर रहे हैं, इसलिए वह खुद को ईएनटी सर्जन होने का दावा नहीं कर सकते।

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, भारतीय चिकित्सा परिषद विनियम, 2002, अध्याय-7 के बिंदु 7.20 के अनुसार, कोई भी चिकित्सक तब तक विशेषज्ञ होने का दावा नहीं कर सकता जब तक कि उसके पास उस शाखा में कोई विशेष योग्यता न हो।

कारण बताओ नोटिस में नैया को पत्र प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर सभी दस्तावेजों के साथ चक्रवर्ती से मिलने का निर्देश दिया गया है, जिसके आधार पर वह अनधिकृत ईएनटी योग्यता का अभ्यास कर रहा था।

नोटिस में उन्हें यह भी चेतावनी दी गई है कि राज्य चिकित्सा परिषद रजिस्ट्रार द्वारा निर्देशित आवश्यक दस्तावेजों के साथ आने में विफल रहने की स्थिति में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

बता दें कि सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद महिला डॉक्टर का शव आरजी के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया। 9 अगस्त, 2024 की ये वारदात थी। इसके बाद राज्य में चिकित्सा बिरादरी और आम लोगों द्वारा कई आंदोलन किए गए, जिसमें नैया आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे।

बलात्कार और हत्या मामले में फैसला 18 जनवरी को कोलकाता की एक विशेष अदालत में सुनाया जाना है।

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