मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यूपी एग्रीज परियोजना का एग्रीमेंट साइनिंग सेरेमनी का किया गया आयोजन

लखनऊः मुख्य सचिव  मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में यूपी एग्रीज परियोजना (उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट) का एग्रीमेंट साइनिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव और विश्व बैंक की ओर भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री ऑगस्टे तानो कौमे (Mr. Auguste Tao Kouame) ने हस्ताक्षर किए। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक है। पौष पूर्णिमा के दिन यूपीएग्रीज के तहत विश्व बैंक, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (Economic Affairs Department) और उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जा रहे हैं। यह लगभग 04 हजार करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसमें 03 हजार करोड़ रुपये विश्व बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त होंगे। यह ऋण 35 वर्षों में चुकाया जायेगा और लगभग 07 वर्ष का इसमें मोरेटोरियम है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों कुल 28 जनपदों में जहां उत्पादकता कम है, लागू की जाएगी। इन जिलों में उत्पादकता को बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत तक ले जाने के प्रयास किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि फिशरीज सेक्टर में असीम संभावनाएं हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस सेक्टर को भी योजना में शामिल किया गया है। इस सेक्टर में नई टेक्नोलॉजी को जोड़ते हुए परिवर्तनकारी बदलाव किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश फल एवं सब्जियों का 40 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन करता है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन कृषि एवं बागवानी उत्पादों का विकसित देशों में निर्यात करने की जरूरत है। जेवर एयरपोर्ट के निकट एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग का क्षेत्र विकसित किया जायेगा, जहां अन्य देशों के उत्पादों के ट्रीटमेंट, टेस्टिंग और पैकेजिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। वहां से कारगो प्लेन के द्वारा बाहर के देशों में एक्सपोर्ट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कारगो प्लेन के द्वारा उत्पादों को विदेशों में एक्सपोर्ट करने की व्यवस्था बनाने का देश में उत्तर प्रदेश का पहला प्रयास है। अभी तक उत्पादों को जलमार्गों अथवा पैसेंजर प्लेन में सामान (लगेज) के साथ भेजा जाता था। इस योजना में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाएं जुड़ रही हैं। वाराणसी में स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट का सेण्टर इसमें पार्टनर के रूप में कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘यूपी एग्रीज’ परियोजना, उत्तर प्रदेश को देश के कृषि सेक्टर का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका असर न केवल प्रदेश की जीडीपी पर पड़ेगा, बल्कि इस सेक्टर से जुड़े प्रदेश की 60 फीसदी आबादी की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। कृषि में नए प्रयोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने इस परियोजना को मंजूरी प्रदान करने के लिए विश्व बैंक को धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वस्त किया कि परियोजना को प्रदेश में सुव्यवस्थित और सर्वोत्तम संभव तरीके से लागू किया जायेगा। विश्व बैंक और डीए के प्रतिनिधि इस परियोजना में उत्तर प्रदेश के साथ कार्य करने के लिए काफी उत्साहित थे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में उत्तर प्रदेश की वह हर संभव मदद करेंगे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्री अनुराग यादव सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे, साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार में आर्थिक मामलों के विभाग में निदेशक श्री सिमरनदीप सिंह, परियोजना के टास्क टीम लीडर श्री विनायक घटाटे आदि भी उपस्थित थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com