लखनऊ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को संगम स्थल पर नेत्र कुम्भ का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मरीजों से भेंट कर चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि नेत्र कुम्भ में मरीजों को इलाज, ऑपरेशन, दवाएं और चश्मा निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। हर दिन दस हजार मरीजों के नेत्र जांच की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि नेत्र कुम्भ आने वाले समय के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
महाकुम्भ में इस बार नेत्र कुम्भ का आयोजन भी किया जा रहा है। संगम स्थल पर आयोजित नेत्र कुम्भ के दौरान तीन लाख चश्मा बांटने एवं पांच लाख लोगों का ओपीडी में इलाज कराने का लक्ष्य रखा गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि दस एकड़ में बने नेत्र कुम्भ में हर दिन करीब दस हजार लोगों के इलाज की व्यवस्था की गई है। नेत्र संबंधित बीमारियों से पीड़ित मरीजों को किसी भी तरह की समस्या न हो इसके पुख्ता इंतजाम नेत्र कुम्भ में किए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने नेत्र कुम्भ में इलाज प्राप्त कर रहे मरीजों से भेंट कर व्यवस्थाओं के बारे में जाना। साथ ही चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ से भी चिकित्सकीय व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि इस नेत्र कुम्भ से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। महाकुम्भ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
डिप्टी सीएम ने कराई नेत्रों की जांच
नेत्र महाकुम्भ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अपने नेत्रों का परीक्षण कराया। चिकित्सकीय देखरेख में उनके नेत्रों का परीक्षण किया गया। साथ ही डिप्टी सीएम ने नेत्र महाकुम्भ से चश्मा भी लिया।
निःशुल्क हो रहे 50 तरह के टेस्ट
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि परेड ग्राउंड में स्थापित केंद्रीय अस्पताल में ईसीजी की सुविधा और सेंट्रल पैथोलॉजी लैब का संचालन भी शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं के लिए 50 से अधिक तरह के टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बुधवार को ही पीओसीटी पैथोलॉजी लैब का शुभारंभ किया गया था।
एआई तकनीक का भी उपयोग
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि डॉक्टर और मरीज के बीच भाषा के कारण संवाद करने में परेशानी नहीं हो, इसके लिए एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें 22 क्षेत्रीय और 19 विदेशी भाषा में डॉक्टर और मरीज संवाद कर सकेंगे। कुंभ में लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करेंगे। यात्रियों को किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचाने के लिए प्रयागराज और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर मेडिकल ऑर्ब्जवेशन रूम बनाया गया है। यह रूम यह 24 घंटे काम करेगा। इसके लिए डॉक्टर नर्स और फार्मासिस्ट को तैनात किया गया है।