पुलिस के मुताबिक 8 जनवरी को पीड़ित लक्ष्य शर्मा ने एक शिकायत पुलिस को देते हुए बताया था कि उसके दोस्त अक्षित वर्मा ने लक्ष्य शर्मा से कहा कि वह गोल्ड का नया काम शुरू कर रहा है। इसलिए उसे लक्ष्य का खाता नंबर चाहिए। उसमें 1-5 लाख रुपये डालने की बात कही। जिसके बाद लक्ष्य ने अपनी मम्मी का खाता नंबर दे दिया।
अपनी शिकायत में लक्ष्य ने बताया कि अक्षित वर्मा ने किसी विजय कृष्णा राव नामक व्यक्ति से अलग-अलग दिनांक को पैसे डलवाए। उस पैसे को अक्षित वर्मा ने मेरे से 50-50 हजार की एनआईएफटी करवा अलग-अलग खाते में डलवाए। फिर उसने यह सिलसिला जारी कर उसी विजय कृष्णा राव से 5 लाख दो बार डलवाए। फिर उसने मेरे स्वयं के खाता नंबर में वह पैसे ट्रांसफर करवा कर बैंक से चेक द्वारा नगद निकलवाने को कहा। साथ ही उसने मेरे खाते में भी 5 लाख व अलग-अलग राशि डलवाई। जिसमें उसने 10 लाख बैंक से नगद लिए एवं अलग-अलग खाते में बाकी रकम डलवाई।
लक्ष्य ने बताया कि 1 जनवरी को बैंक द्वारा मेरे और मम्मी के बैंक खाते फ्रिज होने की सूचना मिली। हमारे साथ यह घटना घटित होने के बाद जब हमने बैंक में पता कराया तो वहां से यह सूचना मिली कि यह राशि मुंबई (नागपुर) में हुए किसी फ्रॉड एक्टिविटी की राशि है। जिसके कारण हमारा खाता फ्रिज हो गया है। मुझे और मेरी माता जी को अपनी इमरजेंसी बता कर गुमराह किया गया है। इस फ्रॉड में हमारा कोई लेन-देन नहीं है। केवल हमको व हमारे खातों का उपयोग कर हमें गुमराह किया गया है।
इस शिकायत के मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके बाद 9 जनवरी को नितिन नेगी ने भी एक शिकायत दर्ज करवाई कि मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि उसके किसी ट्रेडिंग कंपनी से 50,000 रुपये आने हैं और उसके खाते की लिमिट न होने की वजह से वो पैसा मैंने अपने एकाउंट में ले लिया। खाते में पचास हजार रुपये आ गए। उसने वह पैसे किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। और मेरा खाता बैंक द्वारा फ्रीज कर दिया गया और खाता माइनस 46,500 हो गया। इस शिकायत पर भी थाना मधुबन बापूधाम ने जांच शुरू कर दी।
9 जनवरी को ही इनपुट व मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने चेकिंग मननधाम फाटक के पास मैनापुर रोड के पास से साइबर फ्रॉड करने वाले दो आरोपियों को 24 लाख 35 हजार रुपये, 1 अवैध पिस्टल ब्रेटा, 1 जिंदा कारतूस, 1 चाकू, 1 लैपटॉप (मैक-बुक एयर), 1 मोबाइल टैब रेडमी और 4 मोबाइल फोन के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक सांई वैभव (20) थाना मधुवन बापूधाम का ही रहने वाला है। और निशांत (24) थाना नन्दग्राम गाजियाबाद का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक सांई वैभव पर थाना मधुबन बापूधाम पर दो मुकदमे धोखाधड़ी के और एक मुकदमा अवैध हथियार का दर्ज है। वहीं निशान्त के खिलाफ भी थाना मधुबन बापूधाम पर दो मुकदमे धोखाधड़ी के तथा एक मुकदमा अवैध हथियार का दर्ज है।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि ये दोनों अपने साथी सुमित व अंकित के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड करते थे। ये दोनों लोग सुमित व अंकित के कहे अनुसार फ्रॉड का जो पैसा अन्य राज्यों से आता था, उसके लिए आस-पास के लोगों को विश्वास में लेकर उनका खाता संख्या लेते थे। जिन लोगों से ये खाते लेते थे उन लोगों से ये कहते थे कि ये सोने का व्यापार करते हैं तथा किसी से कहते थे कि ये इंश्योरेंस कंपनी चलाने का काम करते हैं। यह कहकर खाता संख्या लेते थे। इन लोगों द्वारा जो बाहरी राज्यों में फ्रॉड किया जाता था, उसी का पैसा इन खातों में आता था। जिसे ये लोग खाता धारकों से पैसों को कैश में ले लेते थे।