वहीं, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के छात्र भी पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन के पक्ष में विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। कर्मचारी और छात्र अपनी मांगों को लेकर सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की छात्रा सारा ने इस संबंध में आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हमारे छात्र संगठन का नाम ‘ललकार’ है और आज हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बस कर्मचारियों की तरफ से आज पूरे पंजाब में तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया है। यहां पर मौजूदा समय में जो भी भर्तियां हो रही हैं, वो ठेके पर हो रही हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने दो दिन पहले दिए अपने बयान में कहा था कि बस अड्डों को भी ठेके पर दिया जाएगा। राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा था कि बस अड्डों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी कॉन्ट्रैक्ट पर दी जाएगी। इसी के खिलाफ आज सभी बस ड्राइवर सड़क पर उतरे।
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी लोगों की मांग है कि बस कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाई जाए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक दुश्वारियों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, हमारी मांग है कि जो लोग बस में ठेके पर काम कर रहे हैं, उन्हें पक्का करवाया जाए। यह पिछले कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं, जिसे देखते हुए हम छात्रों ने भी अब इनका समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही पंजाब की बस सेवा को बेहतर किया जाए। बस के बेड़ों में नई बसें लाई जाएं, ताकि किसी भी यात्री को किसी प्रकार की समस्या न हो।
पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने भी आईएएनएस से बातचीत के दौरान विरोध प्रदर्शन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों को लेकर हमारी मांगें हैं। हम चाहते हैं कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। 10 हजार सरकारी बसें मुहैया कराई जाएं। इसके अलावा, जिन लोगों को कम वेतन मिल रहा है, उनके वेतन को बढ़ाया जाए।
गिल ने कहा, पंजाब के अंदर जो ट्रांसपोर्ट माफिया चल रहा है, उसे बंद किया जाए। पिछले हफ्ते इस संबंध में हमारी बैठक भी हुई थी। हमने पंजाब सरकार को अपनी बैठक के बारे में जानकारी भी मुहैया कराई थी। लेकिन, किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया, जिससे हमारे कई मुद्दे अभी भी अधर में ही लटके हुए हैं। हमारी हड़ताल कल तक जारी रहेगी। अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी, तो हम मुख्यमंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे। समाज के सभी वर्गों के लोग, मसलन, किसान और मजदूर सहित अन्य विभागों के कर्मचारी हमारी मांगों का समर्थन कर रहे हैं, हम उन सभी लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं।