हालांकि, एचएमपीवी को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई की डॉ. पीवीएम लक्ष्मी ने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर लोगों में काफी डर है। मगर मैं यही कहूंगी कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आम इंफेक्शन वाला वायरस है।
उन्होंने आगे कहा, इस वायरस से संबंधित कुछ केस चीन में मिले हैं और इसी वजह से लोगों में डर का माहौल है। लेकिन, पीजीआई में पिछले साल भी कई केस मिले थे। यह वायरस खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों या कम इम्युनिटी वाले लोगों में ही गंभीर संक्रमण हो सकता है। अधिकतर लोगों में खांसी-जुकाम जैसा होता है, जो जल्द सही हो जाता है। इसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। कहा गया है कि डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकारें भी सतर्क रहें।
डॉ. लक्ष्मी ने कहा, सरकार ने कहा है कि अगर इस वायरस से संबंधित केस आते हैं तो उनके सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए लैब में भेजे जाएं। इसमें देखना यह होगा कि पिछले साल की तरह के केस बढ़ तो नहीं रहे हैं? इसमें ये भी देखा जाएगा कि वायरस में म्यूटेशन तो नहीं आ रहा है, जिससे वायरस आइसोलेशन करके सिक्वेंसिंग करने की कोशिश कर रहा हो? इन लक्षणों के साथ एडमिट होने वाले सभी मरीजों के सैंपल लेकर लैब में भेजे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और उन्हें सतर्कता बरतनी है। खांसी-जुकाम वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें और ऐसे मरीज खुद ग्लव्स और मास्क पहनें। इसके अलावा भीड़भाड़ वाली जगह में अपनी सुरक्षा को लेकर मास्क पहन सकते हैं। वायरस के बढ़ने और घटने के लिए निगरानी जरूरी है, जिसके लिए हर राज्य में लैब्स भी मौजूद हैं। राज्यों को भी बताया गया है कि उनके राज्यों में लैब हैं, वहीं इसकी जांच की जाए।
डॉक्टर ने बताया, गंभीर केसों में ही सैंपल लेकर जांच की जाएगी और सामान्य मामलों में ऐसा नहीं किया जाएगा। कोविड के दौरान जिस तरह के प्रिकॉशन लिए गए थे, उसका पालन अब भी करना है।