लखनऊ : प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को राजभवन में डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन, अपर मुख्य सचिव सार्वजनिक उद्यम विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा रचित हिन्दी कविता संग्रह ‘तीन तलाक’ का विमोचन किया। डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन की यह 15वीं कृति है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमन्त राव, पूर्व मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार, अवकाश प्राप्त आई0ए0एस0 अधिकारी आर0 रमणी, मिराज हैदर, सुश्री फरहत नकवी व अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन का अभिनन्दन करते हुये कहा कि तमिल भाषी होते हुये भी हिन्दी में रचना करना उनकी विशेषता है। डाॅ0 जगनमोहन का व्यक्तित्व बहुआयामी है। उन्होंने तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में रचनाएं की है तथा उन्हें अनेकों सम्मान भी प्राप्त हैं। राज्यपाल ने कहा कि आई0ए0एस0 अफसरों के पास बहुत काम होता है, व्यस्तता के बीच समय निकालना बड़ी बात है। श्री नाईक ने कहा कि डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन की रचनाएं सरल और सादे शब्दों में हैं जो सहजता से हृदय तक पहुंचने वाली कवितायें हैं। डाॅ0 जगनमोहन ने बड़े ही सुंदर ढंग से अपनी बात को पाठकों के सामने लाने का काम किया है। पुस्तक का शीर्षक ‘तीन तलाक’ अर्थपूर्ण है जिसे देखते ही पुस्तक को लोग पढ़ना चाहेंगे।
डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन, अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हिन्दी एकमात्र भाषा है जो देश को एकता के सूत्र में बांध सकती है। एक साल आठ माह पूर्व जब पूरे देश में ‘तीन तलाक’ का मुद्दा एक ज्वलंत मुद्दा था तो इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक मुद्दों पर जो समाज पर असर डालते हैं उनको उन्होंने कविता के रूप में अपने संग्रह में प्रस्तुत किया है। श्री मिराज हैदर ने कविता संग्रह पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि डाॅ0 जगनमोहन ने अपनी अब तक प्रकाशित 15 पुस्तकों में लगभग 500 कवितायें लिखी हैं। उन्होंने अपनी सेवा के साथ इंसाफ करते हुये साहित्य के माध्यम से समाज की भी सेवा की है। कार्यक्रम में फरहत नकवी अध्यक्षा ‘मेरा हक फाउंडेशन’ ने भी अपनी बात रखी।