एनसीपी तोड़ने के लिए अजित को मांगनी चाहिए शरद पवार से माफी : माजिद मेमन

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित की मां आशा पवार ने ‘पवार फैमिली’ के फिर से एक होने की इच्छा जाहिर की है। आशा पवार के बयान पर अब एनसीपी (एसपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद माजिद मेमन की प्रतिक्रिया सामने आई है।

माजिद मेमन ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, महाराष्ट्र की राजनीति के लिए पवार परिवार काफी अहम है। शरद पवार और उनकी फैमिली ने महाराष्ट्र के विकास के लिए काफी कुछ किया है। हालांकि, अजित ने शरद पवार को हटाकर एक नया ग्रुप बना लिया था, लेकिन अब उन्हें अहसास हुआ है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के बाद उनकी हरकत को महाराष्ट्र की जनता पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर रही है। इसलिए अब वह आहिस्ता-आहिस्ता कोशिश कर रहे हैं कि क्या हम दोबारा मिल सकते हैं?

उन्होंने आगे कहा, जहां तक अजित पवार या उनकी माता का सवाल है। इन लोगों का अक्सर शरद पवार, सुप्रिया और दूसरे ग्रुप से मिलना होता है। साल में कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जब उनकी फैमिली मिलती है।

उन्होंने आगे कहा, मेरे मुताबिक राजनीतिक तौर पर यह कोई मिलाप का रास्ता नहीं बनता है। इतना है कि अगर अजित पवार या उनका ग्रुप शरद पवार से माफी मांग ले तो मैं समझता हूं कि शरद पवार को भी अपना बड़प्पन दिखाते हुए इस पर पूरी तरह से सोचने की जरूरत है। पहले जब दोनों साथ थे तो पार्टी अच्छी थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस को भी तोड़ दिया गया है, जिससे अब राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई हैं। अब शरद पवार को ही इस पर विचार करना है और अपना फैसला लेना है।

दरअसल, अजित पवार की मां आशा ताई पवार 1 जनवरी को पंढरपुर में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर पहुंची। दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने भगवान विट्ठल से प्रार्थना की कि उनके बेटे और उनके चाचा शरद पवार फिर से एक साथ आ जाएं।

इस मुद्दे के अलावा मेमन ने और भी कई मुद्दों पर राय रखी। स्विट्जरलैंड में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने पर माजिद मेमन ने कहा, स्विट्जरलैंड एक छोटा देश है, जिसकी आबादी भारत के मुकाबले में कुछ भी नहीं है। वहां मुस्लिमों की संख्या भी अधिक नहीं है, अब जाहिर सी बात है कि वहां की सरकार और प्रशासन ने परिस्थितियों के मद्देनजर ही आदेश जारी किया है।

उन्होंने आगे कहा, भारत में मुस्लिम आबादी स्विट्जरलैंड से अधिक है। यहां इतनी बड़ी संख्या में मुसलमान हिंदुस्तान में रहते हैं और इस आदेश से यहां कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर वहां की सरकार ने लोकल परिस्थितियों के मद्देनजर कोई आदेश दिया है तो मैं नहीं समझता कि भारत को इसमें कोई दखल देने की आवश्यकता है।

उन्होंने वर्शिप एक्ट के सवाल पर कहा, यह एक बड़ा कानूनी मुद्दा है। इसके मुताबिक 1947 से पहले की स्थिति देश में बहाल रहेगी। हालांकि, कुछ फैसले इस कानून से हटकर आए हैं। लिहाजा ओवैसी ने इसी मुद्दे को याद दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मैं समझता हूं कि यह एक अच्छा कदम है और सुप्रीम कोर्ट इस पर बहुत ही गंभीरता के साथ सही फैसला देगी।

माजिद मेमन ने महाराष्ट्र के बीड में सरपंच की हत्या को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सरपंच की हत्या का मामला गरमाया हुआ है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में शायद किसी को बचाने की कोशिश कर रही है। अगर ऐसा है तो यह गलत है। चाहे मंत्री हो या कोई बड़ा आदमी, लेकिन कानून सबके लिए बराबर है। यह घटना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के लिए बड़ी चुनौती है। मेरा मानना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को आदेश देना चाहिए, ताकि निष्पक्ष तरीके से इस मामले की जांच हो सके। कानून सबके लिए बराबर है। अब एसआईटी का गठन हुआ है और उम्मीद की जाती है कि वह कानून और संविधान के दायरे में रहकर जांच करें, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

 

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