केले से होगी किसानों को और कमाई

लखनऊ। केले से होगी उत्तर प्रदेश किसानों को और कमाई। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी इसके निर्यात के आंकड़े और आगे की संभावना तो यही बताते हैं। स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश के केला उत्पादक क्षेत्र के किसानों को इससे अच्छा खासा लाभ होगा। योगी सरकार की मंशा भी यही है। इस बाबत सरकार लगातार पहल भी कर रही है। केले को कुशीनगर का वन डिस्ट्रिक वन उत्पाद (ओडीओपी) घोषित करना इसकी मिसाल है।

उल्लेखनीय है कि दस साल में केले का निर्यात करीब दस गुना बढ़ा है। केंद्र ने अगले दो तीन वर्षों में इसे एक अरब रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। बढ़ते निर्यात और इसे और बढ़ाने की योजना का यूपी के किसानों को होगा सर्वाधिक लाभ होगा।

केले की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने उसे कुशीनगर का वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट भी घोषित कर रखा। साथ ही किसान बाजार की मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण केले की खेती करें, इसके लिए सरकारबतौर प्रोत्साहन अनुदान भी दे रही है। इसके नतीजे भी दिख रहे हैं।

यूपी के प्रमुख केला उत्पादक जिले

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे कई जिलों में केले की खेती की जा रही है। पिछले डेढ़ दशक से केले के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है। साथ ही बेहतर प्रजातियों और खेती के उन्नत तौर तरीकों से उपज और गुणवत्ता भी सुधरी है। इससे यूपी के केले की देश के महानगरों सहित नेपाल, बिहार, पंजाब, दिल्ली, जम्मू आदि में भी यहां के केले की खासी मांग है।

केले की खेती को पहले से ही प्रोत्साहन दे रही योगी सरकार

योगी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल के दौरान यूपी की कनेक्टिविटी एक्सप्रेसवे, एयरवेज और रेल सेवाओं के जरिये वैश्विक स्तर की हो गई है। इसे लगातार और बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में लैंड लॉक्ड होना यूपी की प्रगति के लिए कोई खास मायने नहीं रखता। लिहाजा केंद्र की पहल का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के किसानों को होगा। ऐसा इसलिए भी होगा क्योंकि योगी सरकार पहले से ही केले की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपये का अनुदान दे रही है। जगह-जगह केले को प्रसंस्कृत कर उसके फल, रेशे एवं तने के जूस से अन्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग भी योगी सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही है। केले को प्रसंस्कृत कर अन्य उत्पाद बनाने वाले किसानों को एक्सपोजर भी दिया जा रहा है। नोएडा में कुछ माह पूर्व आयोजित ट्रेड शो में कुशीनगर के भी कुछ किसान गए थे।

वर्ष 2023-24 में 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हुआ केले का निर्यात

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार दस साल में केले का निर्यात करीब दस गुना बढ़ा है। 2013 में भारत से कुल 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर केले का निर्यात हुआ था। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। जिस तरह से वैश्विक स्तर पर हेल्दी फूड की मांग बढ़ी है उसके मद्देनजर अभी इसके और बढ़ने की संभावना है। इन संभावनाओं को भारत के केला उत्पादक किसानों को अधिकतम लाभ मिले इसके लिए मोदी सरकार भी प्रयासरत है। इसी बाबत मुंबई में पहली बार केले को को केंद्र में रखकर सेलर-बायर मीट भी प्रस्तावित है। यही नहीं केंद्र सरकार समुद्री रास्ते से दो दर्जन फलों के किफायती निर्यात के लिए पायलट प्रोजेक्ट बना रही है। उसमें बेहतर संभावनाओं के नाते केला भी शामिल है। स्वाभाविक है कि इन सबका लाभ उत्तर प्रदेश के केला उत्पादक किसानों को मिलेगा।

दो-तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर एक अरब डॉलर करने का लक्ष्य

केंद्र के खाद्य उत्पाद निर्यात प्रसंस्कृत प्राधिकरण (एपीडा) ने अगले दो से तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर एक अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।

भारत सबसे बड़ा उत्पादक, पर निर्यात में सिर्फ एक फीसद हिस्सेदारी

एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारत में लगभग 3.5 करोड़ मीट्रिक टन के उत्पादन के साथ लगभग 9,61,000 हेक्टेयर भूमि में इसकी खेती की जाती है। एपीडा के अनुसार वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 30 फीसद है। पर, करीब 16 अरब के वैश्विक निर्यात में भारत की भागीदारी हिस्सेदारी सिर्फ एक फीसद है।

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