असम के तिनसुकिया में संदिग्ध उग्रवादी हमले में हुई पांच लोगों की मौत के बाद उल्फा (The United Liberation Front of Assam) तिनसुकिया जिले के बिश्नोईमुख गांव के पास धोला-सदिया पुल के पास हुई फियरिंग में वो शामिल नहीं हैं. उल्फा के प्रचार विभाग के सदस्य रोमल असोम (Romal Asom) ने चिट्ठी जारी कर ये जानकारी दी. लेकिन इसके बाद भी तिनसुकिया में रहने वाले लोग ये मानने को तैयार नहीं है, कि ये घटना उल्फा ने नहीं की है.
घटना के बाद से ही वहां लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. असम आज बंद है. कई जगह लोग टायर आदि जलाकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. कोलकाता में हत्या से गुस्साएं लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. ये प्रदर्शन उत्तरी और दक्षिणी बंगाल में हो रहे हैं. आपको बता दें कि गुरुवार (1 नवंबर) शाम को करीब पौने आठ बजे हुए हमले में उग्रवादियों ने छह युवाओं को उठा लिया था. इसके बाद उग्रवादी इन युवाओं को धोला-सदिया पुल के पास ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे ले गए और उन्हें गोली मार दी. इनमें से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई और एक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है.
मारे गए सभी लोग पश्चिम बंगाल के निवासी थे. असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. घटना के बाद उग्रवादियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘असम से बुरी खबर आ रही है. हम तिनसुकिया में हुए बर्बर हमले की निंदा करते हैं. क्या यह एनआरसी का नतीजा है? शोकसंतप्त परिवारों के प्रति दुख जताने के लिए हमारे पास कोई शब्द नहीं है. दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए.’
इस गोलीबारी में मारे गए लोगों की शिनाख्त श्यामलाल बिस्वास, अनंत बिस्वास, अभिनाश बिस्वास, सुबोध दास और धनंजय नामशूद्र के रूप में हुई है. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.