आर.सी.पी. सिंह ने कहा कि देश में 1967 तक वन नेशन, वन इलेक्शन ही था। उसके बाद लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग समय पर चुनाव होने लगे। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा है कि संसाधनों की बचत होती है। आज भारत को एक कृषि प्रधान देश की जगह चुनाव प्रधान देश कहा जा सकता है, क्योंकि हर समय किसी न किसी स्तर पर चुनाव चलता रहता है।
उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, जिससे विकास के कई काम बाधित होते हैं। चुनावों की यह प्रक्रिया अर्थव्यवस्था पर भी असर डालती है। हमने देखा कि सात प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ रेट वाली दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत, चुनावों के कारण पिछली तिमाही में 5.4 प्रतिशत तक गिर गई।
उन्होंने स्पष्ट कहा, चुनाव लोकतंत्र की जान हैं, लेकिन लगातार होने वाले चुनावों से देश को नुकसान होता है। वन नेशन, वन इलेक्शन से यह समस्या हल हो सकती है। केंद्र सरकार ने इस पहल को कैबिनेट से पास कराकर एक सकारात्मक कदम उठाया है, और इसे लागू करना चाहिए।
इससे पहले नालंदा जिले के मुस्तफापुर स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आप सबकी आवाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।