प्रदूषण से बेहाल दिल्ली-एनसीआर की हालत और भी बिगड़ सकते हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि दो दिन बाद दिल्ली-एनसीआर के आसमान में खतरनाक काले धुंध की परत छाने वाली है. दिल्ली और हरियाणा सहित आसपास के इलाकों में हवा की गति में मामूली इजाफे के कारण अगले दो दिनों तक वायु प्रदूषण की मात्रा में संभावित गिरावट के बाद इस सप्ताहांत पश्चिमी विक्षोभ का असर हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट की वजह बनेगा. गुरुवार (1 नवंबर) को दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर पाया गया.
एहतियातन दिल्ली में GRAP लागू
दिल्ली में प्रदूषण का लेवल कम करने के लिए यहां एक नवंबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है. इसके तहत एक से 10 नवंबर के बीच दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली तमाम गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. इसमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मातहत संचालित ‘हवा की गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान शोध प्रणाली’ (सफर) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में नमी बढ़ेगी. इससे दो नवंबर से हवा की गति धीमी होने की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है.
10 दिनों तक हालत रहेगी बदत्तर
सफर के पूर्वानुमान के मुताबिक एक नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में असर को देखते हुये नमी बढ़ने और दो नवंबर से हवा की गति कम होने के कारण अगले दस दिनों तक दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा. इसके मद्देनजर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कार्यरत पर्यावरण प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सभी संबद्ध एजेंसियों को इस दिशा में एहतियाती उपाय करने को कहा है.
साथ ही केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनसीआर से संबद्ध राज्य सरकारों की पर्यावरण नियंत्रण एजेंसियों से प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरु करने का निर्देश दिया है.
पराली के धुओं का रुख दिल्ली की तरफ होगा
सफर की रिपोर्ट में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के हवाले से मौजूदा स्थिति की गंभीरता के प्रति आगाह करते हुये कहा गया है कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ से जनित नमी और पूर्वी क्षेत्र में चक्रवातीय प्रणाली के सक्रिय होने से हवा की गति थामेगी. रिपोर्ट के अनुसार हवा का रुख उत्तर पश्चिम की ओर होने से भी पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से उठने वाले धुंये का रुख दिल्ली की तरफ होगा. इससे एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी का संकट गहरा जायेगा.
सफर ने अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तस्वीरों के हवाले से पंजाब और हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी की तरफ भी ध्यान दिलाया है. इसके मद्देनजर दो या तीन नवंबर से दस नवंबर तक वायु प्रदूषण की स्थिति नाजुक बनी रहेगी. दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता का मौजूदा स्तर ‘बहुत खराब’ बना हुआ है.