साथ ही कहा कि तेज वृद्धि दर से समझौता किए बिना महंगाई को नियंत्रित करने की भारत की क्षमता निरंतर विदेशी निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण होगी।
पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर द्वारा आयोजित एक इन्वेस्टर वेबिनार को संबोधित करते हुए, दिग्गज निवेशक ने कहा कि करीब 4 ट्रिलियन डॉलर जितना बड़ा आकार होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई।
मोबियस इमर्जिंग अपॉर्चुनिटीज के चेयरमैन मोबियस ने कहा कि व्यापक स्तर पर देखें तो वैश्विक वृद्धि दर को देखते हुए भारत में 6 से 7 प्रतिशत की ग्रोथ रेट काफी अच्छी है। सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं से काफी फायदा हो रहा है।
मोबियस ने आगे कहा कि भारत सरकार द्वारा वृद्धि दर को सहारा देने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत काम किया गया है।
मोबियस के मुताबिक, राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, पीएम मोदी का प्रशासन अक्षमताओं को कम करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और शासन को बढ़ाने पर केंद्रित है। केंद्र के सामने बड़ी चुनौती दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों के साथ लोकलुभावन उपायों को संतुलित करने की है।
इसके अलावा मोबियस ने उस क्षेत्रों के बारे में बताया जहां भारत घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर विस्तार कर है। इसमें डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, सेमीकंडक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरीकरण, एनर्जी और कमोडिटी और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) शामिल है।
मोबियस ने वैश्विक और भारतीय आर्थिक रुझानों के लिए सावधानीपूर्वक आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया, जो चक्रीय और संरचनात्मक दोनों कारकों से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष कम होने और मध्य पूर्व उथल-पुथल कम होने से वैश्विक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।