देश के किसी न किसी राज्य में हर साल विधानसभा चुनाव और उपचुनाव होते रहते हैं, ऐसे में केंद्र सरकार देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का नियम लाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार संसद में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बिल भी पेश कर सकती है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से देश का विकास और तरक्की रुक जाती है.
क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?
हरियाणा में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, अब हैं तो कृषि मंत्री लेकिन चुनाव आ जाएं तो तीन महीने लगातार चुनाव के प्रचार में ही पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में लगे रहते हैं, उसमें समय नष्ट होता है प्रधानमंत्री का, मुख्यमंत्रियों का, मंत्रियों का सांसदों का, विधायकों का, अधिकारियों का, कर्मचारियों का सारे विकास के काम ठप.. कराओ चुनाव. इस बीच कृषि मंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि …और फिर नई-नई घोषणा करनी पड़ती हैं कि मैं ये दे दूंगा. हम ये दे देंगे. जन कल्याणकारी काम पीछे रह जाते हैं. यही नहीं इसमें भारी खर्चा होता है.
‘विकास को अवरोध करता है हमेशा होने वाला चुनाव’
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि चुनाव आयोग भी खर्चा करता है तो जनता की ही पैसा है वो, और फिर राजनैतिक दल भी खर्चा करते हैं. कितना समय नष्ट होता है अब दूसरे राज्य में चुनाव होंगे नायब जी (हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी) तो हरियाणा के अधिकारी पर्यवेक्षक बन के चले जाएंगे, यहां का काम आपका दो-तीन महीने ठप हो जाएगा. वो वहां जाकर चुनाव करवाएंगे.
उन्होंने कहा कि तो इसमें केवल विनाश ही विनाश है. समय का अपव्यय, धन का अपव्यय, हमारे विकास को अवरोध करता है हमेशा होने वाला ये चुनाव. इसलिए संविधान में संशोधन करके, पांच साल में एक बार सभी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए. इसके लिए हमको जनजागरण करना चाहिए.