महाकुम्भ नगर, 10 दिसंबर। महाकुम्भ में क्राउड कंट्रोल के लिए योगी सरकार की खास प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस मेले में तैनात रहेगी। महाकुम्भ में जल और थल दोनों स्थानों में उत्तर प्रदेश की प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस करोड़ों श्रद्धालुओं की राह सुगम करने के लिए खास ट्रेंड है। पुलिस के जवान जहां पैदल नही पहुंच पाएंगे, वहां माउंटेड पुलिस जाकर श्रद्धालुओं की राह आसान करेगी। इसके लिए 130 घोड़े और 166 पुलिस कर्मी व स्टाफ तैनात किये गए है। इसमें भारतीय ब्रीड के घोड़ों के साथ अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी महाकुम्भ में भीड़ नियंत्रण का काम करेंगे। मेले की ड्यूटी में तैनात घोड़ों के डाइट का और उनकी चिकित्सकीय सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा।
घुड़सवार पुलिस देगी सुरक्षा का भरोसा
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए माउंटेड पुलिस की भूमिका अहम होगी। भीड़ नियंत्रण और कठिन क्षेत्रों में गश्त के लिए माउंटेड पुलिस का उपयोग कुशलता और प्रभावशीलता का प्रतीक है। इनके मजबूत प्रशिक्षण और शानदार घोड़ों की सहायता से, कुम्भ मेला पुलिस बल न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि कुम्भ के विशाल आयोजन को सुचारू और व्यवस्थित बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। घुड़सवार पुलिस की मौजूदगी भीड़ में अनुशासन बनाए रखने और श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा देने का काम करेगी।
घोड़ों को विशेष तरीके से किया गया ट्रेंड
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि घोड़ों को विशेष तरीके से ट्रेंड किया गया है। घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर ट्रेंनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया है। महाकुम्भ को देखते हुए माउंटेड पुलिस को खास ट्रेनिंग कराई गई है, जिससे ये श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचा सकें, बल्कि भीड़ को नियंत्रित करते हुए उनके लिए सुगम राह बनाएं। माउंटेड पुलिस थल के साथ ही पानी मे भी जाकर क्राउड मैनेजमेंट करने में दक्ष है।
सुबह और शाम हो रही गस्त
घुड़सवार पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक प्रेम बाबू ने बताया कि महाकुम्भ मेले के लिए सेना से अमेरिकन बाम ब्लड, इंग्लैंड का थ्रो नस्ल का घोड़ा खरीदा गया है। इसके अलावा भारतीय नस्ल के घोड़े भी है। इनमें से कुछ घोड़े सेना से भी खरीदे गए है। प्रतिसार निरीक्षक ने बताया कि रोजाना घोड़ों को महाकुम्भ मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से परिचय कराने के लिए घुड़सवार पुलिस सुबह और शाम मेला क्षेत्र में गस्त पर निकलती है। घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सक भी नियुक्त किये गए है। उन्होंने बताया कि फोर्स में 4 से 5 साल की उम्र के घोड़े आते हैं जो 20 साल की उम्र में रिटायर हो जाते है।
घोड़े और घुड़सवार पुलिस बल की संख्या
- महाकुम्भ मेले में तैनात होने वाले घोड़ो की संख्या -130
- महाकुम्भ मेले में तैनात घुड़सवार पुलिस (इंस्पेक्टर ,सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल) की संख्या -131
- घोड़ों की सेवा में लगे अन्य स्टाफ- 35
प्रमुख घोड़ों का नाम
- दारा, राका, शाहीन, जैकी, गौरी, अहिल्या, रणकुम्भ
एक घोड़े का प्रतिदिन का डाइट चार्ट
- 1 किलो चना
- 100 ग्राम गुड़
- 100 ग्राम अलसी का तेल
- 2 किलो जौ
- 1 किलो चोकर
- 25 किलो हरी घास
- 30 ग्राम नमक
घोड़ों की सेहत और देखभाल
- -घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है
- -घोड़ों की तीन टाइम मालिश की जाती है
- -घोड़ों के बालों की कटिंग महीने में एक बार होती है
- -घोड़ों के पोरों के नाल महीने में एक बार बदले जाते हैं