हर साल 1 दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व एड्स दिवस के संबंध में सोमवार को जारी एक बयान में एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) ने कहा कि इथियोपिया संघर्ष के साथ जलवायु परिवर्तन और विस्थापन से संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से एचआईवी से पीड़ित लोगों सहित जरूरतमंद लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य और अन्य मानवीय सहायता नहीं मिल पा रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने इथियोपिया के दो क्षेत्रों में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के लिए हाल ही में चलाए गए संयुक्त मिशन का हवाला देते हुए कहा कि ये क्षेत्र मानवीय संकटों से सबसे अधिक प्रभावित हैं और वह एचआईवी की बढ़ती दरों से जूझ रहे हैं।
एजेंसी ने कहा कि सबसे बड़ी कमी व्यापक स्वास्थ्य सेवा की कमी है, विशेष रूप से एचआईवी से पीड़ित लोगों को इसमें ज्यादा परेशानी आ रही है।
इसमें कहा गया है कि मानवीय संकटों के दौरान एचआईवी तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सेवाएं अक्सर भोजन, आश्रय और रोग नियंत्रण की तत्काल आवश्यकता के सामने नजरअंदाज कर दी जाती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, स्वास्थ्य सेवा प्राथमिक सेवाओं तक ही सीमित है। एचआईवी जैसी पुरानी बीमारियों के लिए देखभाल सरकारी अस्पतालों को सौंपी जाती है। इसका मतलब यह है कि सभी रोगियों को परिवहन के साथ-साथ सेवाओं के लिए भुगतान करना होगा और अपने दम पर महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति खरीदनी होगी, जो कई लोगों के लिए असंभव बोझ है।
यूएनएड्स ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन मानवीय आधार पर एचआईवी से निपटने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं इथियोपिया में भी यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास किया जा रहा है कि एचआईवी से पीड़ित लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया जाए, जिनमें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं।
विश्व एड्स दिवस पर एक संदेश में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना संभव है, लेकिन यह तभी होगा जब वैश्विक नेता स्वास्थ्य सेवा में बाधाओं को दूर करने और मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हों।