हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के कोटली उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत सदोह के जलौन गांव के 28 वर्षीय हवलदार नवल किशोर ने सियाचिन ग्लेशियर मातृ भूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी। शहादत का कारण सियाचिन ग्लेशियर मे जलवायु परिवर्तन के चलते ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है। हवलदार नवल किशोर की शहादत के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया है।
28 वर्षीय शहीद हवलदार नवल किशोर 2017 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे। डेढ़ साल पहले ही नवल किशोर की शादी पुलिस में महिला कांस्टेबल श्वेता देवी से हुई थी। कांस्टेबल श्वेता किन्नौर के टापरी पुलिस स्टेशन में ड्यूटी पर तैनात हैं। शहीद के पिता भगत राम ने बताया कि उन्हें रविवार रात को लगभग 9 बजे नवल किशोर के शहीद होने की सूचना, यूनिट के सैन्य अधिकारी द्वारा फोन द्वारा मिली थी।
उन्होंने बताया कि नवल किशोर ढाई महीने पहले चार दिन की छुट्टी काटकर सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी के लिए गया था और दोबारा मार्च में छुट्टी पर आने की बात की थी। नवल किशोर ने शनिवार को अपने माता-पिता से फोन पर आखिरी बार बात की थी। वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी व छोटा भाई छोड़ गए हैं। शहीद का छोटा भाई सुनील भी सेना में 8 जैक राइफल में तैनात है।
सैनिक कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल गोपाल गुलेरिया ने बताया कि यूनिट से कंमाडर द्वारा उन्हें नवल किशोर के शहीद होने की सूचना प्राप्त हुई है। शहीद की पार्थिव देह मंगलवार को चंडीगढ़ के लिए एयर लिफ्ट होगी। जहां से सड़क मार्ग द्वारा उनके घर जलौन पहुंचाया जाएगा और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। लेकिन मौसम के मद्देनजर ही आगामी कार्रवाई पूरी की जाएगी। सेना कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सियाचिन ग्लेशियर में जलवायु व पर्यावरणीय कारकों के चलते हवलदार नवल किशोर की मौत हुई है।