निर्यात पर फोकस से यूपी के किसानों को होगा सर्वाधिक लाभ

लखनऊ, 2 दिसम्बर। आलू प्रदेश के आलू उत्पादक क्षेत्र के किसानों के लिए खुशहाली लाएगा। दरअसल केंद्र सरकार ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट जिन सब्जियों और फलों को समुद्र के रास्ते निर्यात करने की योजना बनाई है, उसमें आलू भी शामिल है। चूंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां कन्नौज, फर्रुखाबाद समेत कई जिलों में आलू की दोहरी फसल ली जाती है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट का सर्वाधिक लाभ भी उत्तर प्रदेश के आलू की बोआई करने वाले किसानों को मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि आलू के बिना किसी सब्जी की कल्पना नहीं की जा सकती। यह साल भर अमूमन वाजिब दाम में उपलब्ध भी रहता है, पर सर्वाधिक मांग के कारण इसकी तेजी और मंदी मीडिया की सुर्खियां बनती हैं। समुद्र के जरिए निर्यात का सस्ता रास्ता खुलने से तेजी मंदी की ऐसी सुर्खियों पर काफी हद तक विराम लगेगा।

आलू किसानों के हित के लिए शुरू से संवेदनशील रही है योगी सरकार

आलू किसानों की समस्याओं को लेकर योगी सरकार शुरू से ही बेहद संवेदनशील रही है। योगी 01 के ही शुरुआत में मंदी से प्रभावित किसानों के लिए मुख्यमंत्री ने बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की थी। ऐसा प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ था। तबसे योगी सरकार लगातार आलू उत्पादक किसानों के हित के मद्देनजर लगातार कदम उठा रही है। सीजन में हर जिले में वहां के कृषि जलवायु के अनुकूल प्रजातियों के बेहतर गुणवत्ता के बीज भी सरकार तय दाम पर उपलब्ध कराती है।

आगरा में सीआईपी केंद्र के अलावा हापुड़ और कुशीनगर में एक्सीलेंस सेंटर

केंद्र सरकार की मदद और योगी सरकार की पहल आगरा में पेरू (लीमा) स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सी आईपी) का केंद्र खुल रहा है। करीब 10 हेक्टेयर ज़मीन पर बनने वाले इस केंद्र के निर्माण में करीब 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में ही कृषि उत्पादन सेक्टर के प्रस्तुतीकरण के दौरान आलू किसानों के हित में कई योजनाओं के बाबत निर्देश दिए थे। इसमें हापुड़ और कुशीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटैटो खोलना भी था। इसके अलावा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए पारदर्शी तरीके से कोल्डस्टोरेज के निर्माण के लिए लाइसेंस निर्गत करना। प्रसंस्करण के लिए मेगा फूड पार्क और क्लस्टर्स की स्थापना आदि शामिल थे। इन सब पर तेजी से काम चल रहा है।

इन केंद्रों के खुलने से होने वाले लाभ

अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के इन केंद्रों को खुलने से सर्वाधिक उत्पादक राज्य होने के नाते यूपी के किसानों को तो लाभ मिलेगा। पड़ोसी राज्यों और दक्षिण एशिया के अन्य आलू उत्पादक देश भी लाभान्वित होंगे।
सीआईपी आगरा की स्थापना से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे आलू-बेल्ट राज्यों के साथ-साथ दक्षिण एशिया के देशों को फ़ायदा होगा।

इस केंद्र से किसानों को बेहतर क्वालिटी के आलू के बीज मिल सकेंगे। इससे फसल के उत्पादन एवं की सुधरी गुणवत्ता का लाभ किसानों को बढ़ी आय के रूप में मिलेगा। केंद्र में आलू की अधिक उत्पादकता वाली और प्रसंस्करण योग्य किस्में विकसित होंगी। आलू के बीजों की कमी भी दूर होगी। किसानों को आलू की खेती के नए तरीके सीखने का मौका मिलेगा।

आलू उत्पादन में देश में नंबर एक है यूपी

आलू के उत्पादन के मामले में यूपी देश में नंबर एक है। हालांकि दूसरे नंबर पर आने वाले पश्चिमी बंगाल प्रति हेक्टेयर उत्पादन के मामले में अग्रणी है। पश्चिमी बंगाल में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 29.9 मिट्रिक टन है। यूपी में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 25.48 मिट्रिक टन है। इस गैप में यह संभावना है कि यूपी में भी आलू का प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाना संभव है। आलू से जुड़े शोध केंद्र खुलने पर यह काम आसान हो जाएगा।

प्रमुख उत्पादक जिले

वैसे तो आलू की थोड़ी बहुत खेती सभी जिलों में होती है, पर व्यवसाय की दृष्टि से कन्नौज, फर्रुखाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा,अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, बरेली, लखनऊ और बाराबंकी प्रमुख उत्पादक जिले हैं

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com