कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब एचडी कुमारस्वामी के सामने चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती खड़ी हो गई है. उनके सामने सबसे पहले सूबे के किसानों के 53 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को माफ करने की चुनौती है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीएस ने वादा किया था कि सूबे में सरकार बनने के 24 घंटे के अंदर 53 हजार करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया जाएगा.
कुमारस्वामी ने शपथ लेने के बाद कहा, ‘मैं यह नहीं कहता हूं कि मैं लोन माफ नहीं करूंगा. मैंने कहा था कि हमारी पार्टी के सरकार में आने पर हम सारे लोन माफ कर देंगे. लेकिन अब मैं गठबंधन की सरकार में हूं इसलिए अब मुझे उन्हें भी विश्वास में लेना होगा. वैसे मेरे पास इसका ब्लूप्रिंट है. मैं कांग्रेस नेताओं से इसपर चर्चा करूंगा.’ यानी कुमारस्वामी ने किसानों की कर्जमाफी पर साफ कुछ नहीं कहा है.
आपको बता दें कि इससे पहले ढाई दिन के लिए येदियरुप्पा सीएम बने थे और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा था, ‘अपने वादे के मुताबिक मैं किसानों के कर्जमाफी का ऐलान करता हूं.’ उन्होंने किसानों का 1 लाख तक का कर्ज माफ कर दिया था. हालांकि, बहुमत साबित न कर पाने की वजह से उनकी सरकार गिर गई और कर्जमाफी का फैसला अमल में नहीं आ सका.
आपको बता दें कि किसानों की कर्ज माफी कर्नाटक में बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में पूर्व सीएम सिद्धारमैया पर किसानों की कर्जमाफी की काफी चर्चा की थी. अब कांग्रेस इस सरकार में सहयोगी दल की भूमिका है और उसके पास डिप्टी सीएम का पद है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे जी परमेश्वर को डिप्टी सीएम बनाया गया है. ऐसे में किसानों की कर्जमाफी को लेकर दोनों दलों पर दबाव होगा.
जेडीएस के चुनावी मैनिफेस्टो में कहा गया था कि अगर कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनते हैं और कर्नाटक की सत्ता में आते हैं, तो 24 घंटे के भीतर ब्याज सहित 53 हजार करोड़ रुपये के कृषि कर्ज माफ किए जाएंगे. अब कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बन गए हैं और सूबे में जेडीएस की सरकार भी बन गई है. हालांकि यह सरकार गठबंधन की है यानी जेडीएस ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है.
अब कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बन गए हैं और सूबे में जेडीएस की सरकार भी बन गई है. हालांकि यह सरकार गठबंधन की है यानी जेडीएस ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है. दरअसल, इस चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और बीजेपी 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं, कांग्रेस को 78 सीटों और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली.
कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की दशा में राज्यपाल वजुभाई वाला ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी. हालांकि राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ जेडीएस और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. शीर्ष अदालत ने दोनों दलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए येदियुरप्पा को 28 घंटे के अंदर यानी शनिवार शाम चार बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा, लेकिन वो बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े नहीं जुटा पाए और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दिया और बुधवार को कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री व जी परमेश्वर को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इस तरह सूबे में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन गई. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कुमारस्वामी अपने चुनावी वादे को 24 घंटे के अंदर पूरा करते हैं या नहीं. फिलहाल कुमारस्वामी की ओर से इस बारे में स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है.