लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ के प्रांगण में 26 से 30 नवंबर 2024 तक आयोजित 68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता-2024 का शुभारंभ किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है, जिसमें पूरे देश से 17 वर्ष तक की आयु वर्ग के लगभग 3960 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने उनका उत्साहवर्धन किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है और यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने दौड़ प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि ऐसे प्रदर्शन युवाओं को और अधिक प्रेरित करेंगे। राज्यपाल ने भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब खिलाड़ियों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हैं, जो उनकी प्रतिभा को निखारने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि जब वह खिलाड़ियों को देखती हैं, तो उनकी पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं क्योंकि वह स्वयं भी एक खिलाड़ी रही हैं।
उन्होंने बताया कि पहले केवल कबड्डी और खो-खो जैसे खेल ही प्रचलित थे, लेकिन आज पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार के खेल खेले जा रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से अपील की कि वे अपनी खेल भावना को हमेशा जीवंत रखें, क्योंकि यह जीवन का अनमोल हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत एक सशक्त, शिक्षित और अनुशासित राष्ट्र बने। खेलों के माध्यम से ये सभी गुण विकसित किए जा सकते हैं और इसी उद्देश्य से ऐसे आयोजनों की योजना बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि खेल की दुनिया बिल्कुल अलग होती है, जो जीवन को अनुशासन, आत्मनिर्भरता और सतत प्रयास का संदेश देती है। खेल केवल जीतने का जरिया नहीं है, बल्कि यह जीवन में संघर्ष करने, नई ऊंचाइयां छूने और लगातार प्रयास करने की प्रेरणा प्रदान करता है। राज्यपाल ने गुजरात के खेल परिदृश्य का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और उनके प्रयासों के कारण गुजरात के युवा खेलों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने ’खेलो इंडिया’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इस अभियान के माध्यम से पूरे देश को खेल के प्रति जागरूक और प्रेरित किया है। आज खेल केवल मनोरंजन या प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास का सशक्त माध्यम बन चुका है। राज्यपाल ने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेलते रहिए, खिलते रहिए, खेलेंगे तभी आगे बढ़ेंगे। खेल में निरंतर अभ्यास और प्रयास ही सफलता का मूलमंत्र है। खेल के माध्यम से हम न केवल व्यक्तिगत सफलता अर्जित करते हैं, बल्कि देश को भी गौरवान्वित करते हैं। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि खेल को केवल खेल भावना के साथ खेलना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के पक्षपात या अनियमितता के खिलाफ सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के चयन में होनहार प्रतिभाओं को ही अवसर मिलना चाहिए और किसी भी दबाव में आकर उनके साथ अन्याय नहीं किया जाना चाहिए।
राज्यपाल जी ने इस खेल प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों के आपसी संवाद और मेलजोल पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता केवल प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों के लिए एक अद्भुत अवसर है, जहां वे एक-दूसरे की जीवनशैली, संघर्षों और अनुभवों को समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चर्चा से न केवल आपसी समझ बढ़ेगी, बल्कि प्रेम और खेल भावना का भी विकास होगा। राज्यपाल जी ने खिलाड़ियों के माता-पिता, अध्यापकों और आयोजनकर्ताओं का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इनकी मेहनत और सहयोग से यह प्रतियोगिता सफल हो रही है।
इस अवसर पर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ सुधीर एम० बोबडे, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा विभाग डॉ एमकेएस सुंदरम, आयोजक, अधिकारी तथा प्रतिभाग हेतु आये खिलाड़ियो सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।