लखनऊः प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने संविधान दिवस के अवसर पर भारत के संविधान की उद्देशिका का पाठन किया और अपने मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ ली। इस अवसर पर राज्यपाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान पूजनीय है। हम सबको संविधान के अनुच्छेदों का पाठन करके इसे अपने विचारों में अंगीकृत करना चाहिए।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सिर्फ अधिकारों की जानकारी तक स्वयं को सीमित न रखें अपितु अपने कर्तव्यों की जानकारी भी रखें और कर्तव्यों को ही प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारत की तमाम विविधताओं को ध्यान में रखकर एकता की मूल भावना पर बनाया गया है। हम सबका कर्तव्य है कि देश हित में राष्ट्र के विकास के लिए मिलजुल कर कार्य करें। समाज में जो लोग पीछे रह गए हैं, जो गरीब तपके के लोग हैं, उनके उत्थान के लिए अपना योगदान दें। कर्तव्य पालन में सामूहिक योगदान की चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने हाल ही में राजभवन में बच्चों के लिए आयोजित सामूहिक भोज, प्रतिवर्ष राजभवन में आयोजित होने वाली पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं, लॉकडाउन के अवसर पर राजभवन परिसर के बगीचों के कार्यों और स्वच्छता बनाए रखने तथा उद्यान से सब्जी निकालकर डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों में वितरण करने जैसे कार्यों का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्तव्य पालन से आत्मतृप्ति का अनुभव भी होता है राज्यपाल जी ने कार्यपालन की चर्चा में कहा कि अचानक से आए कार्यों को टीम भावना के साथ मिलजुल कर पूरा करें। कार्यपालन में कार्य पूर्ति की भावना को ही प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि प्रायः लोग इस बिंदु पर भ्रमित होते हैं कि यह कार्य मेरा नहीं है। ऐसी भावनाएं मन में ना लाकर किसी भी कार्य की अनदेखी न करें। उन्होंने कार्य की प्रकृति को छोटा या बड़ा करके देखने की आदत को भी त्यागने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें छोटा या बड़ा नहीं बनाता है। इसलिए हमें किसी भी कार्य को छोटा या बड़ा करके नहीं देखना चाहिए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर पदासीन अधिकारियों को विशेष रूप से सकारात्मक भाव से दायित्व निर्वहन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बतौर राजस्व मंत्री गुजरात के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अधिकारियों को हमेशा सकारात्मक भाव से कार्य संपन्न करने की मशां पर चलना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने राजभवन के पुस्तकालय में उपलब्ध संविधान की प्रति का पाठन करने, प्रत्येक कर्मचारी द्वारा इसके अनुच्छेदों पर अपना स्वयं का वक्तव्य बनाने, इससे संबंधित विषयों पर चित्र बनाने, नाटक आयोजित करने तथा अन्य विविध आयोजनों के लिए भी निर्देशित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे विशेष सचिव राज्यपाल, विधि परामर्शदाता राज्यपाल, प्रो. प्रतिभा गोयल कुलपति डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या, प्रो. वंदना सिंह कुलपति वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर सहित राजभवन के वरिष्ठ अधिकारियों ने संविधान के प्रणेता भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प सम्मान अर्पित किया कार्यक्रम में राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।