महाकुंभ को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए मेला प्राधिकरण ने रविवार को गंगा सेवा दूतों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। लगभग 1800 गंगा सेवा दूत, 250-250 के बैच में प्रशिक्षित किए जाएंगे। ये गंगा सेवा दूत महाकुंभ में स्वच्छता, सैनिटेशन, टेंटेज की कार्ययोजना, आग और अन्य आपदा से सुरक्षा और निरीक्षण का कार्य करेंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 नवंबर तक जिला पंचायत सभागार, प्रयागराज में चलेगा। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार और मेला विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राना के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है।
सीएम योगी के स्वच्छ और सुरक्षित महाकुंभ के संकल्प को सफल बनाने में गंगा सेवा दूत अहम भूमिका निभाएंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण लगभग 1800 गंगा सेवा दूतों को प्रशिक्षित कर रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए मेला विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आकांक्षा राना ने बताया कि 250-250 के बैच में लगभग 1800 गंगा सेवा दूत प्रशिक्षित किये जा रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहले गंगा सेवा दूतों का पंजीकरण किया जाएगा। इसके बाद इन्हें सैनिटेशन निरीक्षण, टेंट सिटी की कार्य योजना, आईसीटी सिस्टम और अग्नि सुरक्षा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। गंगा सेवा दूत विषय विशेषज्ञों द्वारा ट्रेंड किये जायेंगे और उनका मॉक ड्रिल भी कराया जाएगा। सैनिटेशन का प्रशिक्षण डॉ. आनंद सिंह और अग्निशमन का प्रमोद कुमार शर्मा देंगे।
गंगा सेवा दूतों प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि ये गंगा सेवा दूत प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व आस-पास के जिलों से आए हैं। ये महाकुंभ के दौरान विशेषतौर पर शौचालय, सड़कों की सफाई व्यवस्था, टेंट सिटी का निरीक्षण करेंगे। किसी तरह की गंदगी या गड़बड़ी पाये जाने पर ये दूत आईसीटी सिस्टम के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
गंगा दूत टेंट कालोनियों की व्यवस्था, आग लगने या अन्य आपदा की जरूरी सूचना संबंधित विभाग को उपलब्ध करवाएंगे। महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त रखने का अभियान चलायेगें। साथ ही प्लास्टिक उपयोग करने वालों की शिकायत भी दर्ज करवाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद ये गंगा सेवा दूत महाकुंभ को स्वच्छ, सुरक्षित और प्लास्टिक मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।