प्रवासी भारत की संस्कृति और मूल्यों के राजदूत होने के साथ संबंधों की मजबूत कड़ी: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुयाना में भारतीय समुदाय को जनवरी 2025 में भारत में आयोजित होने वाले महाकुंभ और प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने का निमंत्रण दिया। उन्होंने प्रवासी सदस्यों को “राष्ट्रदूत” यानी भारत की संस्कृति और मूल्यों के राजदूत कहा और उनसे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “समुद्र पार होने के बावजूद, भारत माता के साथ हमारा सांस्कृतिक संबंध मजबूत है।” प्रधानमंत्री ने जॉर्जटाउन के नेशनल सेंटर में भारतीय प्रवासियों की एक सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री का असाधारण गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और स्थिरता के क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति और परिवर्तन को रेखांकित किया। उन्होंने वित्तीय समावेशन, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और समावेशी विकास जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। भारत-गुयाना के विशेष संबंधों पर विचार करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और ये खाद्य सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा सहयोग और जलवायु परिवर्तन कार्रवाई के क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति अली को उनके आतिथ्य और गुयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस सम्मान को भारत और गुयाना के बीच मित्रता के विशेष बंधन को समर्पित किया, जो उन्होंने कहा कि साझा विरासत और पारिवारिक संबंधों पर आधारित है। भारत-गुयाना की यात्रा के इतिहास पर विचार करते हुए उन्होंने समुदाय के हर परिस्थिति में ढलने, सांस्कृतिक समृद्धि और गुयाना के भाग्य को आकार देने में इसकी भूमिका की प्रशंसा की।

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