अमेरिका ने लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल से रूस पर हमले को लेकर यूक्रेन पर बैन लगाया हुआ था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी मिसाइल के इस्तेमाल की परमिशन दे कर वर्ल्ड ऑर्डर बिगाड़ दिया है. यूक्रेन तो जैसे इस फैसले का इंतजार ही कर रहा था. बाइडेन प्रशासन के फैसले पर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया बता रही थी कि वो जैसे इसी के इंतजार में बैठे थे.
बाइडेन की मंजूरी मिलने के अगले ही दिन जेलेंस्की ने रूस पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले का ऑर्डर सुना दिया. इसके बाद यूक्रेनी सेना ने रूस पर लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम 6 बैलिस्टिक मिसाइलों को रूस पर दाग दिया. यूक्रेन की हिमाकत से पुतिन का भी पारा चढा हुआ है. वो पहले ही अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल के इस्तेमाल करने पर परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं.
अब रूस में मोबाइल शेल्टर्स बनाए जा रहे हैं, जो परमाणु विस्फोट से होने वाले शॉकवेव और रेडिएशन समेत कई तरह के खतरों से सुरक्षा कर सकते हैं. अगर परमाणु युद्ध छिड़ा तो इसके गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं. रूस के पास करीब 6 हज़ार परमाणु हथियार हैं. इनमें से 4380 परमाणु हथियार एक्टिव कंडीशन में है. 1600 परमाणु हथियार तैनात स्थिति में हैं, जबकि बाकी भंडार में हैं. इतनी बड़ी संख्या में परमाणु बमों की तैनाती महज कुछ मिनट में ही दुनिया को कई बार नष्ट करने की क्षमता रखती है.
अब सवाल ये उठता है कि अगर परमाणु युद्ध होता है तो क्या होगा. ICAN के मुताबिक, एक परमाणु बम एक झटके में लाखों लोगों की जान ले लेगा. अगर 10 या उससे ज्यादा बम गिरे तो लाखों लोगों की मौत होगी. साथ ही धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम बिगड़ जाएगा. ICAN के मुताबिक, एक परमाणु बम पूरे के पूरे शहर को तबाह कर सकता है. साफ है कि अगर अमेरिका और रूस के बीच बड़ा परमाणु युद्ध छिड़ा तो भारी तबाही मचेगी.
अगर 500 परमाणु बम का इस्तेमाल हो जाता है तो आधे घंटे के अंदर ही 10 करोड़ से ज्यादा की मौत हो जाएगी. इतना ही नहीं, किसी युद्ध में अगर दुनिया में मौजूद 1% से भी कम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो इससे 2 अरब लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे. साथ ही पूरा हेल्थ सिस्टम भी तबाह हो जाएगा, जिससे घायलों को इलाज भी नहीं मिल सकेगा.