मूल्यबोध है हिंदी पत्रकारिता का दार्शनिक आधार : प्रो.संजय द्विवेदी

नई दिल्ली,14 नवंबर । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि अन्याय के विरुद्ध संघर्ष और मूल्यबोध ही हिंदी पत्रकारिता का दार्शनिक आधार है। हिंदी भाषा नहीं प्रवृत्ति है, इसमें अन्याय का प्रतिरोध एक आवश्यक शर्त है। वे यहां भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद और सत्यवती कालेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता की आसंदी से बोल रहे थे। सत्र की अध्यक्षता डीएवी सांध्य कालेज के प्रो.हरीश अरोड़ा ने की और मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और साहित्यकार श्री रवीन्द्र शुक्ल रहे।

प्रो.द्विवेदी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता और साहित्य का स्वभाव ही है अन्याय के विरुद्ध लड़ना। उन्होंने कहा कि भारतीय संचार परंपरा जोड़ने के सूत्र देती है, उसका उद्देश्य लोक-मंगल है, जबकि नवीन संचार प्रणालियां नकारात्मकता के आधार पर व्यवसाय कर रही हैं। जबकि एक सुंदर दुनिया बनाने के लिए सार्वजनिक संवाद में शुचिता और मूल्यबोध दोनों आवश्यक है। इससे ही हमारा संवाद लोकहित केंद्रित बनेगा। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि मीडिया और साहित्य का भारतीय मूल्यों पर खड़ा होना आवश्यक है और समाज का आध्यात्मीकरण जरूरी है।

इस अवसर पर सत्यवती कालेज की प्राचार्या डा.अंजू सेठ, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक प्रो.अश्विनी महाजन, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के प्रो.पुनीत बिसारिया, नार्वे से पधारे साहित्यकार सुरेशचंद्र शुक्ल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो.सुधीर आर्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डा.ममता ने किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com