500 केएलडी की क्षमता से करेंगे वेस्ट वॉटर का ट्रीटमेंट

प्रयागराज, 14 नवंबर। सीएम योगी के स्वच्छ एवं स्वस्थ महाकुंभ के ध्येय को सफल बनाने की दिशा में यूपी जल निगम नगरीय प्रयागराज महाकुंभ के लिए 3 अस्थाई एसटीपी का निर्माण कर रहा है। ये एसटीपी जल निगम राष्ट्रीय संस्था बार्क की मदद से लगभग 3.60 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे हैं। ये तीनों एसटीपी महाकुंभ क्षेत्र के सारे वेस्ट और नाले के पानी का निस्तारण करेंगे। ये एसटीपी बार्क की एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी पर आधारित हैं जो स्वच्छ महाकुंभ की परिकल्पना को साकार करेगा।

एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी आधारित एसटीपी

यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज पूरे महाकुंभ में पानी की सप्लाई के साथ-साथ अस्थाई शौचालयों की सफाई व गंदे नालों के पानी के ट्रीटमेंट का कार्य भी कर रहा है। यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आशुतोष यादव ने बताया की जल निगम, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, बार्क की मदद से महाकुंभ में 3 अस्थाई एसटीपी बना रहा है। ये तीनों एसटीपी महाकुंभ के दौरान करोड़ो की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के वेस्ट और गंदे नालों के पानी को ट्रीट करेंगे। ये अस्थाई एसटीपी बार्क की एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी से काम करेंगे। एचजीएसबीआर, बार्क की हाइब्रिड ग्रैन्युलर एसबीआर ट्रीटमेंट तकनीक है जो विशेषतौर पर घरेलू और आद्योगिक वेस्ट वॉटर को ट्रीट करती है।

क्या है एचजीएसबीआर टेक्नोलॉजी?

एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी आधारित एसटीपी आसानी से वेस्ट वॉटर को ट्रीट कर उसके बीओडी, सीओडी लेवल को 30 से कम के स्तर पर ले आते हैं। जिसके बाद ये ट्रीटेड पानी सिंचाई, घुलाई आदि के अन्य कार्यों में या नदी में डाला जा सकता है। साथ ही ये तकनीक वेस्ट वॉटर का जैविक उपचार भी करती है जिससे गंदे पानी में पनपने वाले वायरस और बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। महाकुंभ 2025 में पहली बार इस उन्नत तकनीक के एसटीपी प्लांट लगाए जा रहे हैं।

सेक्टर 9, 13 और 15 में लगाए जाएंगे अस्थाई एसटीपी

यूपी जल निगम नगरीय और राष्ट्रीय संस्था बार्क मिलकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। जल निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आशुतोष यादव ने बताया कि लगभग 3.60 करोड़ रूपये की लागत से इन 3 अस्थाई एसटीपी प्लांट का निर्माण हो रहा है। ये एसटीपी महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 9, 13 और 15 में लगाये जायेंगे, जो कि पूरे मेला क्षेत्र के शौचालयों और नालों के पानी को 500 केएलडी की क्षमता से ट्रीट करेगा। जिस कारण महाकुंभ के गंदे पानी के ट्रीटमेंट का अतिरिक्त दबाव शहर के अन्य एसटीपी पर नहीं पड़ेगा। मेला समाप्त होने के बाद ये एसटीपी प्रयागराज के स्थाई नालों से सम्बद्ध कर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि ये तीनों एसटीपी 15 दिसंबर तक मेला क्षेत्र में स्थापित हो कर, कार्य करना प्रारंभ कर देंगे। सीएम योगी के स्वच्छ और स्वस्थ महाकुंभ की परिकल्पना को साकार करने में ये एसटीपी महत्वपूर्ण साबित होंगे।

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