ट्रंप ने कहा कि तुलसी गर्वित रिपब्लिकन हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने निडर स्वाभाव को खुफिया विभाग में लेकर आएंगी. ट्रंप ने कहा कि एक डेमोक्रेट पार्टी से राष्ट्रपति पद की पूर्व दावेदार रही हैं, जिस वजह से उन्हें दोनों पार्टियों से समर्थन मिलता है. मुझे उम्मीद है कि वे हमें गौरवान्वित करेंगी.
कौन हैं तुलसी गबार्ड
बता दें, तुलसी का भारत से कोई नाता नहीं है. दरअसल, उनकी मां ने हिंदू धर्म अपनाया था, जिस वजह से उनके बच्चे भी हिंदू हो गए. उनकी मां ने अपने सभी बच्चों का नाम हिंदू धर्म वाला रखा. तुलसी हिंदू धर्म ही मानती हैं. संसद में उन्होंने भागवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी.
तुलसी को नहीं है खुफिया विभाग का कोई एक्सपीरियंस
तुलसी गबार्ड ने करीब 20 वर्षों तक अमेरिकी सेना की शाखा नेशनल गार्ड में अपनी सेवाएं दी है. तुलसी कुवैत और इराक में भी पदस्थ रहीं हैं. उनके पास खुफिया विभाग में काम करने का कोई एक्सपीरियंस नहीं है. वे होमलैंड सुरक्षा समिति में भी काम कर चुकी हैं.
ऐसा है राजनीतिक करियर
तुलसी गबार्ड हवाई से साल 2013 से लेकर 2021 तक सासंद रह चुकी हैं. तुलसी ने 2020 में डेमोक्रेट पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की पेशकश की थी. हालांकि, उस वक्त उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया, जिस वजह से उन्हें अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी थी.
कितना ताकतवर होता है नेशनल इंटेलिजेंस विभाग का डायरेक्टर
नेशनल इंटेलिजेंस अमेरिका के सभी खुफिया विभागों का प्रमुख होता है. सीआईए और एफबीआई जैसे प्रतिष्ठित विभाग डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस को रिपोर्ट करते हैं.