राष्ट्रीय हित के लिए यूक्रेन में निगरानी दल भेजना जरूरी: दक्षिण कोरिया

सोल। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजना राष्ट्रीय हित के लिए जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी टीम कीव में सैनिकों को तैनात करने से अलग होगी।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, किम ने संसदीय रक्षा समिति के सत्र में यह टिप्पणी की। दरअसल सरकार यूक्रेन में एक निगरानी टीम भेजने पर विचार कर रही है, जो संभवतः उत्तर कोरियाई युद्ध रणनीति का विश्लेषण करने और पकड़े गए सैनिकों से पूछताछ में भाग ले सकती है।

किम ने कहा, निगरानी टीम सैनिकों की तैनाती से अलग है। इसमें कम संख्या में पेशेवर शामिल होंगे जो अल्पकालिक यात्रा करेंगे।

किम ने कहा कि ऐसी निगरानी टीम की तैनाती संयुक्त राष्ट्र या युद्धग्रस्त देश के अनुरोध के बजाय सोल की जरूरतों पर आधारित होगी।

पिछले महीने वाशिंगटन, डीसी में पत्रकारों के साथ एक बैठक में, किम ने कीव में सेना भेजने की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजना जरूरी है क्योंकि वे राष्ट्र की रक्षा में मदद करने के लिए उपयोगी जानकारी लेकर आएंगे।

पिछले हफ्ते, दक्षिण कोरियाई सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल, रूस में उत्तर कोरिया की सेना की तैनाती पर चर्चा करने के लिए ब्रुसेल्स में यूक्रेन और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का दौरा करने के बाद स्वदेश लौट आया। जिसमें सीनियर खुफिया और सैन्य अधिकारी शामिल थे।

पिछले दिनों यूक्रेन की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी ने दावा किया कि रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास के इलाकों में एके-12 राइफलों, मोर्टार राउंड और अन्य हथियारों से लैस 7,000 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों ने चेतावनी दी है कि रूस में स्थित उत्तर कोरियाई सैनिक जल्द ही यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में उतर सकते हैं, जिससे यूरोप और हिंद-प्रशांत क्षेत्र दोनों के लिए बड़ा सुरक्षा खतरा पैदा हो जाएगा।

 

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