मुनंबम मुद्दे पर चर्च और वक्फ बोर्ड के बीच टकराव बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार भी दबाव में है. आंदोलन के चलते दोनों समुदायों के बीच तनाव गहराता जा रहा है.
केरल में वक्फ बोर्ड और चर्च के बीच संपत्ति विवाद को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर राज्य के लगभग 1000 गिरजाघरों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. चर्च संगठनों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनके धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर नियंत्रण करना चाहता है, जिससे उनके अधिकारों का हनन हो रहा है. चर्च संगठनों का मानना है कि वक्फ बोर्ड का हस्तक्षेप उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन है. दूसरी ओर वक्फ बोर्ड का दावा है कि कुछ संपत्तियों पर उसका अधिकार है और इसे सही तरीके से सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
मुनंबम मुद्दा (Munambam issue) केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम गांव में भूमि स्वामित्व से संबंधित एक विवाद है. इस विवाद के चलते वक्फ बोर्ड और स्थानीय निवासियों के बीच संपत्ति के अधिकार को लेकर संघर्ष चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विवाद ने राज्य में धार्मिक और राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि क्या है आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
दरअसल 1950 में सिद्दीकी सैत नामक व्यक्ति ने मुनंबम की लगभग 404 एकड़ भूमि को कोझिकोड के फारूक कॉलेज को वक्फ संपत्ति के रूप में (Munambam Waqf land) दान किया था. समय के साथ इस भूमि पर लगभग 614 परिवार बस गए, जिन्होंने इसे कानूनी रूप से खरीदा या लंबे समय से कब्जा किया हुआ है.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
2019 में केरल वक्फ बोर्ड ने इस भूमि पर अपना दावा प्रस्तुत किया. इस दावे से स्थानीय निवासियों में असंतोष फैल गया. वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह भूमि वक्फ संपत्ति है जबकि निवासी इसे अपनी निजी संपत्ति मानते हैं.
वर्तमान स्थिति और राजनीतिक प्रतिक्रिया
निवासियों ने वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं. केरल सरकार ने इस विवाद में हस्तक्षेप किया है, और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 16 नवंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें कानूनी विकल्पों और निवासियों के राजस्व अधिकारों पर चर्चा की जाएगी. विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी मुस्लिम धार्मिक संगठन ने यह दावा नहीं किया है कि मुनंबम की जमीन वक्फ की संपत्ति है और मांग की कि जमीन बिना किसी शर्त के मौजूदा निवासियों को दी जाए. मुनंबम मुद्दा भूमि स्वामित्व (Munambam land dispute), धार्मिक ट्रस्ट कानून और राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा विवाद है. इसका समाधान कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर आवश्यक है.