कहीं भारत-अमेरिका के रिश्तों में दरार पैदा न कर दे धर्म पॉलिसी, जानें क्यों आमने-सामने आ सकते हैं मोदी और ट्रंप!

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी. दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे. हालांकि, धार्मिक मुद्दों पर तनाव संभव है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज की है. ट्रंप की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्रंप को अपना दोस्त कहा. पीएम मोदी और ट्रंप खास दोस्त हैं. लोग अब भारत और अमेरिका के रिश्तों को और बेहतर बनाने की बात कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों में काफी अच्छे हुए थे. हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच धार्मिक मामले को लेकर टेंशन हो सकती है.

किस धार्मिक मामले को लेकर हो सकती है टेंशन

दरअसल, चुनाव परिणाम के बाद देश को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने ईसाई धर्म को लेकर एक बात कही थी, जिससे देश में तनाव हो सकता है. ट्रंप ने अपने भाषण में कहा था कि वे ईसाई धर्म को आगे बढ़ाएंगे. ट्रंप ईसाइयत को बढ़ावा देना चाहते हैं. ट्रंप का इंजीलवादी आधार वैश्विक धर्मांतरण मिशन को जारी रखने के लिए जगह चाहता है.

दोनों खास देशों के बीच ऐसे बढ़ेगी टेंशन

भारत में ईसाई धर्म के प्रचार को लेकर स्थिति अलग है. ईसाई धर्म के लोगों पर आरोप लगता है कि वे भारत में हिंदू धर्मावलंबियों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. भारत के विचार साफ हैं कि भारतीय सभ्यता के लिए ऐसा ईसाई नेटवर्क खतरा है.

भारत के कई हिस्सों में आज भी प्रलोभन देकर और धोखे से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाएं सामने आती हैं. भारत और अमेरिका के बीच इसे लेकर थोड़ी टेंशन हो सकती है. ऐसा इसलिए कि दोनों देशों के अपने हित समूहों और अपने वैचारिक वैश्विक दृष्टिकोण के साथ आगे आ रहे हैं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com