भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत के संविधान की कसमें खाते हुए, इंडी अलायंस ने कल जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान का गला घोंटने का दुस्साहस किया। उन्होंने कहा कि एक जागृत भारत कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए आदिवासी, दलितों और महिलाओं के अधिकारों का हनन करने के दुस्साहस को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन ने कल जिस प्रस्ताव को पारित किया, उसके अंतर्गत वो जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान के खिलाफ एक नई जंग लड़ते हुए दिखाई देते हैं। वह इंडी गठबंधन के नेताओं से पूछना चाहती हैं कि भारत की संसद और सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय सबको मान्य है। स्मृति ईरानी ने पूछा, उस निर्णय का अपमान और उसकी अवहेलना करने का अधिकार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को देश मे किसने दिया है ? जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में आदिवासी समाज को जो अधिकार मिले हैं, क्या कांग्रेस और इंडी गठबंधन उन अधिकारों के खिलाफ है ? क्या ये महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है ?
उन्होंने पूछा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं का अनादर करने, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और संसद की अवहेलना करने का अधिकार इंडी गठबंधन के नेताओं को किसने दिया ? स्मृति ईरानी ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विकास के लिए उठाए गए कई कदमों और पैकेज की जानकारी देते हुए यह भी दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत और आतंकी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
उमर अब्दुल्ला सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे के माध्यम से एक चुनी हुई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने और भारत को जोड़ने की बजाय, भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्टैंड पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इंडी गठबंधन के नेता जम्मू कश्मीर की जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए विशेष दर्जा चाहते हैं, ताकि वह फिर से जम्मू कश्मीर की तिजोरी को लूट सकें।
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि अगर उनकी बातों में इतना दम होता, तो वे भाजपा विधायकों के साथ हाथापाई नहीं करते, विधानसभा में शांतिपूर्ण तरीके से चर्चा हो सकती है। जहां तक अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की बात है, अगर उनमें दम है तो वे महाराष्ट्र और झारखंड में जाकर यही बात बोल कर दिखाएं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंक मचाया, वो आज गांधी परिवार से सहारा मांग रहे हैं, यह अपने आप में आश्चर्यजनक है। ऐसा क्या है कि आतंक फैलाने वाले अब कांग्रेस से सहारा मांग रहे हैं। राहुल गांधी के लेख को हास्यास्पद करार देते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने राजनीति को एक सिंगल फैमिली प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया, वो आज ईस्ट इंडिया कंपनी पर चर्चा कर रहे हैं।
सावरकर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से हिंदू और हिंदुस्तान पर समर्थन की अपेक्षा नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि जो दूसरों की बैसाखी से अध्यक्ष बनते हैं, उन्हें दूसरों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।