स्पेन में आई भीषण बाढ़ में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी लापता है. जिनकी तलाश की जा रही है. इस बीच हुई बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं.
यूरोपीय देश स्पेन दशकों में पहली बार सबसे घातक प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. क्योंकि देश में आई भीषण बाढ़ में अब 200 से अधिक लोगों की मौत हो है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इस बार से सबसे ज्यादा प्रभावित वेलेंसिया शहर हुआ है. स्थानीय आपातकालीन सेवाओं के मुताबिक, देश में चक्रवाती तूफान के बाद हुई भारी बारिश और बाढ़ से अब तक कम से कम 205 लोगों की मौत हो गई है. जिनमें से सबसे अधिक प्रभावित वेलेंसिया क्षेत्र में 202 लोगों की जान गई है. यह विनाशकारी घटना दशकों में देश की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा मानी जा रही है. बचाव प्रयास अभी भी जारी है, जिसके चलते मरने वालों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है.
सड़कें टूटने से बढ़ी परेशानी
बाढ़ के चलते शहरों की सड़के बुरी तरह से टूट गई हैं. जिसके चलते आपातकालीनी सेवाओं के कर्मचारी लोगों की मदद के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे परेशानी और बढ़ गई है. शुक्रवार को अधिकारियों ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि कुछ क्षेत्रों में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं, जिससे आपातकालीन सेवाएं पहुंच पाने में असमर्थ हैं.
वेलेंसिया शहर में मची तबाही
वेलेंसिया क्षेत्र में हुई तबाही के बारे में अधिक जानकारी सामने आई है. यहां रहने वाले लोगों को भीषण बाढ़ के चलते भारी नुकसान हुआ है. हालात ये हैं कि क्षेत्र की राजधानी वेलेंसिया शहर में एक अदालत को अस्थायी मुर्दाघर में बदलना पड़ा है. ला टोरे पड़ोस में पानी का स्तर सीने के ऊपर तक निकल गया है. वॉलेंटियर्स आपदा के बाद से लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बचाव दल ने गुरुवार को वहां एक भूमिगत पार्किंग गैरेज में सात लोगों के शव निकाले हैं.
शुक्रवार को भी हुई भारी बारिश
वहीं बारिश का आलम ये है कि देश के कई इलाकों में शुक्रवार को भी भारी बारिश हुई. अधिकारियों ने रात भर अलार्म बजाते हुए अंडालूसिया के ह्यूएलवा तट के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. ये इलाका 12 घंटों में 140 मिलीमीटर (5.5 इंच) बारिश से जलमग्न हो गया था. वेलेंसिया के अलग-अलग इलाकों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है.
इस बीच स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने दाना के प्रभावों की निगरानी के लिए संकट समिति की अध्यक्षता की. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, “सरकार के अध्यक्ष ने दाना के प्रभावों की निगरानी के लिए संकट समिति की अध्यक्षता की है. सरकार जब तक आवश्यक हो तब तक सभी आवश्यक संसाधनों का आवंटन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है.”