सीमन ने विजय की 27 अक्टूबर को विक्कारावंडी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की गई टिप्पणी के लिए जमकर आलोचना की है। विजय ने अपनी पार्टी की विचारधारा को द्रविड़ और तमिल राष्ट्रवाद का मिश्रण बताया था।
सीमन ने कहा कि इस तरह का वैचारिक मिश्रण असंगत है। उन्होंने कहा, यह बहुत गलत है, भाई।
सीमन ने कहा, या तो उस तरफ खड़े हो जाओ या इस तरफ, बीच में खड़े होने से कुचले जाने का खतरा है।
तमिल राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक सीमन ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे के लिए प्रतिबद्ध लोगों को अपने ही परिवारों से विरोध का सामना करना पड़ सकता है, अगर वे समान रूप से प्रतिबद्ध नहीं हैं।
विजय के रुख पर द्रविड़वाद की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह तमिल राष्ट्रवाद, भाषा और संस्कृति के विपरीत है।
सीमन ने कहा कि वे तमिल लोगों के संघर्षों में राजनीतिक रूप से जुड़े हुए हैं, जबकि अन्य लोगों ने आरामदायक, वातानुकूलित कमरों से राजनीति सीखी है।
उन्होंने कहा, दिल में आग होनी चाहिए। अगर आग होगी तो चिंगारी शब्दों के रूप में निकलेगी। हमारे शब्द उस दर्द को दर्शाते हैं जिसे हमारे लोगों ने हज़ारों सालों से झेला है।
विक्कारावंडी में विजय के कार्यक्रम में 300,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जो तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण था।
रैली के दौरान विजय ने डीएमके और भाजपा दोनों की आलोचना की तथा भाजपा को अपना वैचारिक विरोधी तथा डीएमके को राजनीतिक विरोधी बताया।
उन्होंने डीएमके पर एक परिवार-प्रधान पार्टी होने का आरोप लगाया जो व्यक्तिगत लाभ के लिए द्रविड़ शब्द का इस्तेमाल करती है और इसके साथ ही भाजपा की विभाजनकारी राजनीति की निंदा की
डीएमके नेता और राज्य के कानून मंत्री एस. रघुपति ने पलटवार करते हुए विजय और उनकी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) को भाजपा की सी टीम करार दिया।
भाजपा तमिलनाडु के प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने सुझाव दिया कि विजय को राजनीतिक जुनून को भड़काने के बजाय लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने विजय को प्रोत्साहित किया कि वह अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत में भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से मिले समर्थन को पहचानें।
2021 के तमिलनाडु स्थानीय निकाय चुनावों में विजय के फैन क्लब ऑल इंडिया थलपति विजय मक्कल इयक्कम (एआईटीवीएमआई) ने 169 सीटों में से 115 सीटें जीतीं, जबकि कमल हासन की मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) और सीमन की एनटीके को कोई सीट हासिल नहीं हुई।
इस सफलता ने विजय के राजनीतिक कद को और बढ़ा दिया है।