यहां पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आईआईटी बीएचयू देश की एक बहुत ही पुरातन गुणात्मक इंस्टीट्यूशन है। आज 13वें कॉन्वोकेशन में मुझे हिस्सा लेने का सौभाग्य मिला। आईआईटी बीएचयू का अपना ग्लोरियस पास्ट रहा है। भारत सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूरी तरीके से अमल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। देश में 50 रिसर्च पार्क, आईआईटी, एनआईटी, आइजर के कैंपस में बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना को हाथ में लिया गया है। जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान अपने हाथों में ली थी, तब देश में गिनी चुनी संख्या में स्टार्टअप थे। आज यह बढ़कर 1 लाख 40 हजार की संख्या को पार कर चुके हैं।
ज्यादातर यह संस्था, स्टार्टअप भारत की किसी ना किसी एकेडमिक इंस्टीट्यूशन से ही निकलते हैं। इस बीच में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का भी गठन कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसके अध्यक्ष हैं। देश में रिसर्च को और जोर देने के लिए रिसर्च लोक कल्याण के लिए नेशनल प्रायोरिटी के लिए, 2047 तक विकसित भारत लक्ष्य पूरा करने के लिए, युवाओं के इस देश में, मेधावी विद्यार्थियों के इस देश में हम नेशनल प्रायोरिटी को रिसर्च में कैसे लाएं, प्रायरिटाइज कैसे करें, उसके अंदर इनोवेशन बने, नया वेल्थ क्रिएशन हो उसी पर भारत सरकार का जोर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रंट से उसको लीड कर रहे हैं। आईआईटी बीएचयू भी उसका लाभार्थी हो रहा है। आज हम 400 करोड़ रुपया खर्चे में यहां की शताब्दी अनुसंधान भवन का शिलान्यास भी करने वाले हैं। यह आने वाले दिनों में भारत की आवश्यकता को तथा दुनिया की आवश्यकता को पूरा करेगा।