कश्मीर के अनूठे सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में प्रेम को तलाशने की कहानी कहती है। जिसका मकसद बदलते समय के अनुसार प्यार और अस्तित्व की तलाश करना है।
फिल्म के बारे में ओनिर ने कहा, यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, यह राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के बीच मानवीय भावनाओं की जटिलताओं की एक कहानी है।
उन्होंने आगे कहा, करुण और फहीम के जरिए, मैं अनिश्चितता से भरी दुनिया में प्यार करने के लिए जरूरी साहस को तलाशना चाहता था। मैं इस कहानी पर विश्वास करने और इसे वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए दीपा मेहता का आभारी हूं।
वी आर फहीम एंड करुण पूरी तरह से सुरम्य गुरेज घाटी में सेट और शूट की गई है। संवाद गढ़ने में कश्मीरी और उर्दू भाषा का इस्तेमाल किया गया है। ये स्क्रीन पर एक वास्तविक सांस्कृतिक अनुभव देने का वादा करती है।
कहानी की झलक दिखाते हुए ओनिर ने बताया कि यह फिल्म एक निर्माण स्थल पर तैनात केरल के सुरक्षा गार्ड करुण और एक स्थानीय कश्मीरी कॉलेज के छात्र फहीम के जीवन को दर्शाती है। उनकी यात्रा के जरिए, यह प्यार, दोस्ती और व्यक्तिगत जीवन पर भू-राजनीतिक संघर्षों के गहन प्रभावों के विषयों की संवेदनशीलता से खोजती है।
अपनी भागीदारी के बारे में बात करते हुए दीपा ने कहा, फिल्म वी आर फहीम एंड करुण अविश्वसनीय है।
ओनिर अपनी फिल्मों, जैसे माई ब्रदर..निखिल और आई एम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी फिल्म आई एम के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता, जिसमें चार लघु कहानी- उमर, आफिया, अभिमन्यु और मेघा को मिला कर बनी है।