भारत-चीन ने एलएसी पर सैनिकों की वापसी और पेट्रोलिंग के लिए नया समझौता किया है. देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में तनाव कम होने की उम्मीद है.
भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और दोबारा पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर पहुंचे हैं. यह समझौता कथित तौर पर देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग के बारे में है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी. यह नया समझौता पीएम मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले सामने आया है.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच क्या द्विपक्षीय वार्ता की संभावना है, इस पर विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि पिछले कई सप्ताह से भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता हो रही है. चीन के साथ एलएसी के मुद्दों पर हमारा समझौता हुआ है. सैनिकों की वापसी और स्थिति के समाधान के लिए पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है. मिस्री ने कहा कि जहां तक बात द्विपक्षीय वार्ता की है तो हम समय और व्यस्तताओं के अनुरूप काम कर रहे हैं.
दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद
भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग के लिए समझौते पर पहुंचे हैं. पेट्रोलिंग को लेकर सहमति बन गई है. अब दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है. एलएसी के बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत और चीन के वार्ताकार पिछले कुछ सप्ताह से संपर्क में हैं.
यह है लद्दाख विवाद
गौरतलब है कि लद्दाख के पूर्व में स्थित गलवान घाटी में साल 2020 में 15-16 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. हमले में करीब 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे. हालांकि, चीन के भी करीब 40 सैनिक मारे गए थे. चीनी सेना ने अब तक अपने मारे गए सैनिकों का आंकड़ा अब तक जारी नहीं किया है. दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.
गलवान सहित चार इलाकों से पीछे हटी चीनी सेना
चीनी सेना पहले ही गलवान से पीछे हट गई थी. चीनी सेना ने गलवान के साथ-साथ चार अन्य क्षेत्रों से पीछे हो गई है. खुद चीन के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. मामले में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस में हुी बैठक के वक्त दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. सीमा पर स्थिति अब नियंत्रण में है.