सीनियर महिला आइएएस अधिकारी को आपत्तिनजक मैसेज भेजने के मामले में फंसे तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाग्य का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विदेश से लौटने के बाद ही होगा। कैप्टन इन दिनों तुर्की में छुट्टियां बिता रहे हैं। वहीं, चन्नी को तकनीकी शिक्षा मामले में जीवनदान मिलने की संभावना न के बराबर दिखाई दे रही है।
सारा मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गया है। अब केवल कैप्टन के वापस आने का इंतजार हो रहा है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन के वापस आने के बाद उनकी राहुल गांधी के साथ बैठक हो सकती है। प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने चन्नी का बचाव किया था, लेकिन वह खुद ही विवादों में पड़ गई हैं।
आशा कुमारी ने कहा था कि मैसेज भेजना ‘मी टू’ का मामला नहीं है। इसके बाद से उनकी निंदा शुरू हो गई थी। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने तो आशा कुमारी के जरिये राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि आखिर चन्नी को बचाने के लिए राहुल गांधी ने आशा कुमारी की जिम्मेदारी क्यों लगाई।
राणा के बाद चन्नी के कारण पार्टी की छवि को नुकसान
चन्नी के मैसेज प्रकरण से कांग्रेस की छवि को काफी झटका लगा है। इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह का नाम आने से भी कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। कांग्रेस ने राणा का इस्तीफा लेकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी।
रिपोर्ट तलब करने की जानकारी नहीं: जाखड़
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जानकारी में है। उनके वापस आने के बाद ही तस्वीर पूरी तरह से स्पष्ट होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी ने उनसे कोई रिपोर्ट मांगी है, तो उन्होंने कहा कि सारा मामला प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी की जानकारी में है। रिपोर्ट मांगी गई है या नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
सिद्धू बोले, सुबूत हों तो सजा मिलनी चाहिए
पार्टी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी व कुछ अन्य नेता जहां चन्नी का बचाव कर रहे हैं वहीं, कैबिनेट मंत्री की राय अलग है। सिद्धू ने अमृतसर में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि जो व्यक्ति महिला की इज्जत नहीं करता, वह समाज में इज्जत नहीं पा सकता। अगर कोई आरोपों के पक्के सुबूत हों, तो सजा मिलनी चाहिए।