भगवान विष्णु के नौवें अवतार कहे जाने वाले गौतम बुद्ध के चार आर्य सत्य क्या हैं

जीवन में आनंद चाहते हैं तो आप गौतम बुद्ध के ये चार आर्य सत्य जान लें. इनका पालन करने से मनुष्य बड़े से बड़े दुख से आसानी से बाहर आ सकता है.

चार आर्य सत्य क्या हैं?

बुद्ध ने अपने उपदेशों में चार आर्य सत्य बताए जो जीवन की वास्तविकता को दर्शाते हैं. अगर मनुष्य इन्हे समय रहते समझ ले और अपने जीवन में इनका पालन कर लें तो उसे कभी कोई कष्ट नहीं होगा और आनंद के साथ वो अपना जीवन जिएगा.

दुख (Dukkha)

जीवन में दुख अटूट रूप से जुड़ा हुआ है. जन्म, बुढ़ापा, बीमारी और मृत्यु सब दुख के रूप हैं. इस सत्य को जो लोग जीवन में जितना जल्दी अपना लेते हैं उनका जीवन उतना ही आसान हो जाता है.

दुख समुदय (Dukkha Samudaya)

जीवन में दुखों का कारण इच्छाएं और लालच होता है. संसार में चीजों को प्राप्त करने की चाहत ही दुख का स्रोत है. अगर आप इस चाह को ही खत्म कर दें तो आप सुख को आसानी से पा लेंगे.

दुख निरोध (Dukkha Nirodha)

इच्छाओं को समाप्त करके दुखों का नाश किया जा सकता है. इसका अर्थ है मोह-माया से मुक्त होकर आनंद और शांति प्राप्त करना. तो आप अगर अपने जीवन में शांति पाना चाहते हैं तो आप मोह-माया का त्याग कर दें.

दुख निरोध मार्ग (Dukkha Nirodha Marga)

दुखों से मुक्त होने का मार्ग अष्टांगिक मार्ग है, जो आत्म-संयम और आध्यात्मिक साधना पर आधारित है.

तो आप अगर गौतम बुद्ध की इन 4 बातों से सीख ले लें, तो जीवन में आपको कुछ भी कठिन नहीं लगेगा. आप हमेशा खुश रहेंगे और जीने के नए और सरल रास्ते आसानी से खोज पाएंगे. आप अगर जीवन में आनंद और सुख चाहते हैं तो सबसे पहले हर तरह की मोह-माया से मुक्ति पा लें. जीवन के अटूट सत्य को अपना लें और अष्टांगिक मार्ग को अपना लें.

 

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