केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि झारखंड में ऐसी घटनाएं आम बात हैं। हेमंत सरकार जब रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की शरणस्थली बन जाएगी, तो वोट बैंक के लालच में मुस्लिम समुदाय की जो भी गतिविधियां होंगी, उसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, सुनने में आया है कि झारखंड के गढ़वा जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों द्वारा सड़क जाम की जा रही थी। सरकार को ऐसी घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए। अगर गढ़वा के लोग गढ़वा में मूर्ति विसर्जन नहीं करेंगे, तो कहां जाएंगे और कहां से रास्ता ढूंढेंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में तुष्टीकरण की नीति, हेमंत सोरेन का मुस्लिम प्रेम, झारखंड के अंदर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठ और आदिवासियों के साथ लव जिहाद के मामले बताते हैं कि झारखंड अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। झारखंड के गढ़वा जिले की घटना इसका परिणाम और उदाहरण है।
इस मामले पर झारखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक्स पोस्ट में लिखा, गढ़वा में एक गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन पिछले 6-7 घंटों से रोक रखा है। पुलिस, विसर्जन रोककर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की बजाय सिर्फ चिरौरी कर रही है। झारखंड पुलिस के डीजीपी तुरंत संज्ञान लेकर विसर्जन रोकने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई करते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन सुनिश्चित कराएं, अन्यथा क्षेत्र का सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
फिलहाल पुलिस और प्रशासन की टीम गांव में मौजूद है और मामले को सुलझाने में जुटी हुई है। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है। बताया जा रहा है कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर दो गुट एक दूसरे के आमने सामने खड़े हो गए। इस दौरान पथराव भी हुआ जिसमें कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सारा विवाद मूर्ति विसर्जन के रास्ते को हुआ।