नवरात्रि में जौ बोने के पीछे की धार्मिक मान्यताएं-
मां दुर्गा की पूजा
शास्त्रों के मुताबिक, जब सृष्टि की रचना हुई तो सबसे पहले जौ की फसल की गयी थी. इसलिए जब भी नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा की जाती है तो जौ चढ़ाया जाता है. जौ के बीज से माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसे नवरात्रि में कलश स्थापना के दिन “माँ गौरी” या “माँ दुर्गा” के स्वागत के रूप में देखा जाता है.
माता दुर्गा का प्रसाद
नवरात्रि में जौ को मां दुर्गा का प्रसाद माना जाता है. मान्यता है कि जौ के बीजों से मां दुर्गा की पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके अलावा जब जौ को बोने के बाद जब वह अंकुरित होता है, तो इसे देवी मां को चढ़ाया किया जाता है.
सृष्टि का प्रतीक
जौ को सृष्टि का प्रतीक माना जाता है. यह अनाज सबसे पहले उगने वाले अनाजों में से एक है. इसलिए इसे नवजीवन और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा जौ को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है. माना जाता है, जौ उगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है.