बोले, नए-नए शब्दों की खोज में भाजपा नेताओं का कोई जवाब नहीं
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि शब्दकोष से नए-नए शब्दों की खोज में भाजपा नेताओं का कोई जवाब नहीं। अभी तक सदियों से लोग ‘कुंभ‘ और ‘अर्धकुंभ’ से परिचित थे। भाजपा सरकारों ने इस वर्ष इलाहाबाद में पड़ने वाले अर्धकुंभ को कुंभ प्रचारित कर दिया। किसान अभी तक गोष्ठियों, सेमिनारों और सम्मेलनों में भागीदारी करते थे। भाजपा सरकार ने इस वर्ष ‘कृषि कुंभ‘ ईजाद कर दिया। अभी पता नहीं भाजपा और कितने कुंभ बनाएगी।
श्री यादव ने कहाकि भाजपा को सारे संसाधन चूंकि पूंजीघरानों से ही मिलते हैं इसलिए उनके हितों का पोषण-संरक्षण उसकी प्राथमिकता में रहता है। किसान अपनी कर्जमाफी के लिए आज भी आंदोलित है, बैंक उनसे वसूली करने लगे हैं, फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसान को नहीं मिल रहा है। इस सबसे परेशान 50 हजार से ज्यादा किसान भाजपा राज में आत्महत्या कर चुके हैं। आलू किसानों को घोषित समर्थन मूल्य का अता पता नहीं। गन्ना किसानों का दस हजार करोड़ रूपया अभी भी बकाया है जबकि चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारम्भ होने वाला है।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि ‘कृषि कुंभ‘ तो एक बहाना है। भाजपा की किसान विरोधी नीति से ध्यान भटकाना है। इस कुंभ में जो किसान आए वह अपनी बात कहने के लिए तरसते रह गए। उनकी बातें न सुनी जानी थी न ही सुनी गई। किसानों का वोट हथियाने के लिए संकल्प पत्र में जो वादे किए गए थे उनके बारे में भी तो इस कुंभ में बताना चाहिए था लेकिन भाजपा सरकार ने जब कुछ किया धरा ही नही तो वह किसानों को बताती क्या?