उन्होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “जनादेश स्पष्ट है। वहां के मुख्यमंत्री के कामों पर जनता ने विश्वास किया है, और पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों में, चाहे वह दवा हो, राशन हो या कानून व्यवस्था, सब पर जनता को भरोसा है। जनता हमेशा उसी को पसंद करती है, जो बेहतर काम करता है। कई दिनों से हम सुनते आ रहे थे कि जाट समुदाय जिसे चाहेगा, उसे मुख्यमंत्री बनाएगा, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि जो अति पिछड़े वर्ग हैं, वे भी अपनी पसंद के नेता को चुनते हैं। हरियाणा का उदाहरण लीजिए नायब सिंह सैनी, जो अति पिछड़े वर्ग से आते हैं, जनता ने उन पर विश्वास जताया। यह दर्शाता है कि नेताओं का घमंड और अहंकार खत्म होना चाहिए। अति पिछड़े वर्ग की भी अपनी ताकत है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी लगातार यह प्रचार कर रही थी कि किसान बीजेपी से नाखुश हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा कि किसानों ने कांग्रेस को जवाब दे दिया है। मोदी जी ने किसानों के खाते में सीधे छह हजार रुपये भेजे हैं, बिना किसी बिचौलिए के। किसान यह समझ रहे हैं कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से उन्हें खाद और पानी की मदद मिल रही है, जिससे वे खेती करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर एक वैश्विक साजिश का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया, लेकिन जनता ने उनके कार्यों को नकार दिया। वे पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक का नाम लेते हैं, लेकिन वास्तव में उनका हक लूटते हैं।”
इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे। इस पर उन्होंने कहा, “सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सही कहा है कि साढ़े सात साल से कहीं दंगे नहीं हुए, और यह एकजुटता का परिणाम है। निष्पक्ष भर्तियां हो रही हैं और संगठित रहना महत्वपूर्ण है। हमें सभी आवश्यकताओं जैसे- रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और दवा के लिए काम करना चाहिए।”